इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले के लिए
काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑनलाइन आवेदनों का
सत्यापन करके इसी सप्ताह में परिषद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे।
शिक्षिकाओं को पांच साल की सेवा से छूट मिलने के बाद आवेदनों की संख्या
बढ़कर 37500 हो गई है।
इसमें सबसे अधिक सीतापुर जिले से दो हजार आवेदन हुए
हैं। वहीं, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों में जाने के लिए
मारामारी मची है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की
अंतर जिला तबादले की जनवरी से चल रही है। पहले 16 से 29 जनवरी तक उन
शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया जो पांच साल की सेवा पूरी कर चुके हैं।
हाईकोर्ट के निर्देश पर शासन ने शिक्षिकाओं को अपने पति के निवास स्थान या
फिर ससुराल वाले जिले में जाने के लिए पांच साल की सेवा अवधि से छूट दी है।
यह आवेदन नौ से 15 फरवरी तक लिए गए। बीते 17 व 18 फरवरी को जिला
मुख्यालयों पर बीएसए ने दावेदार शिक्षकों की काउंसिलिंग कराई है। इसी बीच
यूपी डेस्को ने कुल आवेदकों की संख्या घोषित की है। कहा गया है कि 37500
शिक्षकों के आवेदनों में से सीतापुर से दो हजार, लखनऊ से 58, वाराणसी से
103, आगरा से 258, मेरठ से 88, जौनपुर से 469, गोरखपुर से 297, इलाहाबाद से
400 आदि आवेदन हुए हैं। अधिकांश शिक्षक वीआइपी या फिर उन जिलों में जाना
चाहते हैं जहां पहले से शिक्षक अधिक हैं। बीएसए को निर्देश है कि वह जिन
शिक्षकों का आवेदन निरस्त करें उसमें स्पष्ट कारण लिखा जाए। सत्यापन का
कार्य 23 फरवरी तक पूरा होना है। तबादले की अंतिम सूची परिषद मुख्यालय होली
व यूपी बोर्ड परीक्षाओं के बाद जारी करेगा।
रिक्तियों को लेकर असमंजस: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने अंतर जिला
तबादले के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जरूर किया है लेकिन, रिक्तियों को
लेकर असमंजस है। परिषद ने पहले 47 हजार प्रदेश भर में पद खाली होना बताया
था और उनमें से 25 फीसदी पदों यानि करीब 12 हजार तबादले होने थे। बाद में
शिक्षिकाओं ने आवेदन किए। हालांकि कोर्ट ने शिक्षिकाओं के आवेदन लेने का
निर्देश देते समय कहा था कि तबादले 25 फीसदी ही हों लेकिन, शासन ने आदेश
में रिक्त पद के सापेक्ष तबादले के आवेदन लेने का निर्देश
दिया।’>>सीतापुर से सर्वाधिक आवेदन, गोंडा, लखीमपुर खीरी, श्रवस्ती
से भी भरमार 1’>>लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों में जाना
चाहते अधिकांश
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