इलाहाबाद : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 46 के तहत सहायक
आचार्य संस्कृत पद के उन अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है जिन्हें आचार्य
उपाधि धारक होने के बावजूद अनर्ह मानते हुए साक्षात्कार में प्रवेश की
अनुमति नहीं दी गई थी।
ऐसे अभ्यर्थियों को अर्ह मानकर साक्षात्कार में
बुलाने का निर्णय लिया गया है। सोमवार को आयोग की बैठक में इस अहम निर्णय
पर प्रस्ताव पारित किया गया। आयोग ने विज्ञापन संख्या 46 में विज्ञापित
सहायक आचार्य संस्कृत विषय के लिए आचार्य उपाधि धारकों को संस्कृत में
सहायक आचार्य पद के लिए उपयुक्त न मानते हुए साक्षात्कार में प्रवेश की
अनुमति नहीं दी थी। 2005 में आयोग ने ऐसा निर्णय लिया था कि आचार्य उपाधि
धारक संस्कृत में सहायक आचार्य पद के उपयुक्त नहीं हैं। उस आधार पर अभी तक
इन्हें अनर्ह माना जाता रहा। लेकिन, आयोग ने विशेष समिति की राय पर माना कि
संस्कृत विषय में आचार्य उपाधि धारक संस्कृत विषय से एमए डिग्री के समकक्ष
होते हैं। जिन्हें सहायक आचार्य पद के उपयुक्त माना जाए। इस रिपोर्ट के
आधार पर आयोग ने अपने निर्णय में बदलाव किया। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी
ने बताया कि विज्ञापन संख्या 46 में विज्ञापित सहायक आचार्य संस्कृत विषय
के साक्षात्कार के लिए शार्ट लिस्टेड अभ्यर्थियों में से ऐसे अभ्यर्थी जो
आचार्य उपाधि धारक हैं उन्हें एम ए संस्कृत विषय के समकक्ष मानते हुए
साक्षात्कार की आगामी तारीख पर पुन: आमंत्रित किया जाएगा। इसकी जानकारी
अभ्यर्थियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस व ई-मेल आइडी पर शीघ्र ही दी
जाएगी।’
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