450 से अधिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट

मथुरा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश ने उन परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों में खलबली मचा दी है, जिन्होंने बीएड, बीटीसी आदि प्रशिक्षण के परिणाम से पहले टीईटी कर लिया था। जनपद में ऐसे शिक्षकों की संख्या 450 से अधिक बताई जा रही है।

शिक्षक भर्ती घोटाले के बीच जनपद के परिषदीय शिक्षकों के लिए एक और बुरी खबर इलाहाबाद हाईकोर्ट से आई है। कोर्ट ने उन सभी शिक्षकों को अमान्य किया है जो बीएड, बीटीसी से पहले टीईटी कर चुके थे। टीईटी का परिणाम बीएड, बीटीसी से पहले आ गया था। हाईकोर्ट के आदेश ने खलबली मचा दी है।

कहा जा रहा है कि यह आदेश 2011 के टीईटी परिणाम से लेकर अब तक प्रभावी होगा। इस दौरान प्रदेश में शिक्षकों के पदों पर छह नियुक्ति प्रक्रिया अमल में आईं। जनपद में इसमें सबसे अधिक प्रभावित होने वाले शिक्षकों की संख्या 29334 में बताई जा रही है। इसके अलावा भी अपनाई गई विभिन्न नियुक्ति प्रक्रियाओं में भी ऐसे शिक्षकों को नियुक्तियां मिली हैं।

फिलहाल इस आदेश ने उन शिक्षकों के पैरों तले जमीन खिसका दी है, जिनका बीटीसी से ही पहले टीईटी का परीक्षा परिणाम आ गया था। सोमवार को ऐसी भी शिकायत डायट प्राचार्य को भेजी है, जिसमें संबंधित शिक्षक ने बीटीसी के प्रथम सत्र में ही टीईटी कर लिया था।