मथुरा: शिक्षक भर्ती घोटाला खुलने के बाद इस गोरखधंधे में
लगे भर्ती माफिया को करोड़ों का झटका लगा है। उधर जिन अभ्यर्थियों की
नियुक्तियां निरस्त हुई हैं उन्होंने बतौर रिश्वत दिया अपना रुपया मांगना
शुरू कर दिया है। बताया गया कि भर्ती के नाम पर माफिया ने एक-एक अभ्यर्थी
से 15 से 20 लाख रुपए लिए हैं।
यह बात अभी तक हुई जांच में सामने आ चुकी है कि शिक्षकों की भर्ती में एक
गिरोह कार्य कर रहा था जिसकी सांठ-गांठ अफसरों और कर्मचारियों से भी थी। इस
तरह की बातें छनकर बाहर आ रही हैं कि भर्ती के लिए एक-एक अभ्यर्थी से 15
से 20 लाख रुपए लिए गए हैं। इसमें फर्जी सर्टीफिकेट बनवाने, नौकरी दिलाने
तक का ठेका था। यहां तक घोटाला खुलने के बाद भी कागज निकलवाने के नाम पर
अभ्यर्थियों से इन दलालों ने पैसे ऐंठे। घोटाला खुला तो 35 शिक्षकों की
नियुक्तियां निरस्त कर दी गईं। अब ये अभ्यर्थी अपना दिया हुआ पैसा वापस
मांग रहे हैं। इस बात की भी संभावना है कि अगर माफिया और अभ्यर्थियों के
बीच बात नहीं बनी तो अभ्यर्थी माफिया के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
दीपक की हत्या को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है
अध्यापक दीपक सारस्वत की हत्या को भी ग्रामीण इसी प्रकरण से जोड़ कर देख
रहे हैं। हालांकि मृतक अध्यापक के परिजनों ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ
रिपोर्ट दर्ज कराई है जबकि पुलिस अभी भी इसे दम घुटने से हुई मौत मान कर चल
रही है। ग्रामीणों में यह चर्चा जोरों पर है कि हो न हो दीपक की हत्या के
तार शिक्षक भर्ती घोटाले से जरूर जुड़े हैं।
हो सकती हैं कई बड़ी घटनाएं
जिस तरह से माफिया और अभ्यर्थियों के बीच तनातनी चल रही है, आपराधिक
वारदातें भी हो सकती हैं। कई युवक ऐसे हैं जिनकी आर्थिक हैसियत ऐसी नहीं है
कि वह इतनी मोटी रकम दे सकें। किसी ने मोटे ब्याज पर तो किसी ने खेत पर
लोन लेकर पैसा दिया है। ऐसे में परिजनों का भी इन युवाओं पर दबाव है, ये
युवक मानसिक रूप से खासे परेशान हैं।
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