इलाहाबाद : पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 भले ही 18 जून से निर्धारित है
लेकिन, इस पर संकट के बादल फिर मंडराने लगे हैं। प्रारंभिक परीक्षा के
परिणाम में संशोधन के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत आयोग की एसएलपी
पर शीर्ष कोर्ट से स्थगनादेश को शीर्ष कोर्ट में ही चुनौती दी गई है जिस पर
मंगलवार को कोर्ट संख्या पांच में सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आयोग ने जनवरी
2018 में जारी किया था। इसके 14 प्रश्नों पर आपत्ति जताते हुए कई अभ्यर्थी
इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने तीन प्रश्नों पर आपत्ति को सही
मानते हुए आयोग को निर्देश दिया था कि एक प्रश्न को रद कर व दो के उत्तरों
में बदलाव कर फिर से संशोधित परिणाम जारी करे। इसके खिलाफ आयोग ने शीर्ष
कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी जिस पर शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर
स्थगनादेश पारित किया और उसके बाद ही आयोग ने मुख्य परीक्षा की शुरू कर दी।
जिस पर परीक्षा की तारीखें तय हुई और परीक्षा केंद्रों में सभी इंतजाम हो
चुके हैं। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश का पालन न कर पीसीएस मुख्य
परीक्षा 2017 कराने जा रहे आयोग के खिलाफ धर्मेद्र सिंह व अन्य ने शीर्ष
कोर्ट में अपील कर दी है। धर्मेद्र सिंह ने बताया कि उनके अधिवक्ता कौसर
रजा फरीदी ने न्यायमूर्ति यूयू ललित व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ
के समक्ष जोरदारी से अभ्यर्थियों का पक्ष रखा, जिस पर कोर्ट ने मंगलवार को
सुनवाई नियत कर दी है।
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