आधे अभ्यर्थियों ने छोड़ी एलटी ग्रेड परीक्षा

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा आधे अभ्यर्थियों ने छोड़ दी। प्रदेश भर से परीक्षा के लिए सात लाख 63 हजार 3017 अभ्यर्थियों आवेदन किए थे, जिनमें से 52.3 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में उपस्थिति हुए। परीक्षा 39 जिलों के 1760 केंद्रों में आयोजित की गई।
माना जा रहा है कि दूर-दराज के जिलों में परीक्षा केंद्रों आवंटित करना और बड़ी संख्या में दो-दो प्रवेश पत्र जारी हो जाने से अभ्यर्थियों को दिक्कत हुई और इसी वजह से उपस्थिति प्रतिशत कम रहा। इस परीक्षा के तहत 15 विषयों में कुल 10768 शिक्षकों की भर्ती होनी है।
हालांकि परीक्षा के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अफसरों ने राहत की सांस ली। आयोग के इतिहास की यह सबसे बड़ी परीक्षा थी और जिस तरह परीक्षा शुरू होने से पहले विवाद सामने आ रहे थे, उसे देखते हुए अफसरों को परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका सता रही थी। आयोग के अफसरों को सूचना मिल चुकी थी कि परीक्षा से पहले सॉल्वर गैंग सक्रिय हो चुका है और इसी वजह से आयोग ने एसटीएफ की तैनाती के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया था। अफसरों की आशंका सही साबित हुई और इलाहाबाद समेत कई जिलों से सॉल्वर गैंग के सदस्य एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।

परीक्षा में अभ्यर्थियों का उपस्थिति प्रतिशत कम रहा। इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। कई विषयों में भर्ती का मामला न्यायालय में चला गया था। मामला न्यायालय में जाने से पहले और इसके बाद अभ्यर्थियों ने दो-दो आवेदन कर दिए। इसकी वजह से दो-दो प्रवेशपत्र भी जारी हो गए। वहीं, महिला अभ्यर्थियों के सेंटर दूर-दराज के जिलों में आवंटित कर दिए गए। कई जिलों में तेज बारिश भी हो रही थी। ऐसे में बहुत से अभ्यर्थी केंद्र तक नहीं पहुंच सके। वहीं, आयोग के सचिव जगदीश का दावा है कि परीक्षा की शतप्रतिशत वीडियो और वॉयस रिकार्डिंग कराई गई। साथ ही नकल रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए। एसटीएफ  ने भी सक्रियता दिखाई और इसी वजह से ऐसे लोगों ने परीक्षा छोड़ दी, जो नकल की तैयारी में बैठे थे।

विवादित विषयों में अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रही। कला, कंप्यूटर, विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, कॉमर्स, गृह विज्ञान विषय में शिक्षक भर्ती से संबंधित मामले न्यायालय तक गए थे। इन विषयों में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 35 से 36 फीसदी के बीच रही। वहीं, अन्य विषयों में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 56 से 57 फीसदी तक रही।