दूसरे के दस्तावेजों पर प्रिंसिपल बना एक और शिक्षक गिरफ्तार

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाए एक और जालसाज शिक्षक को एसटीएफ ने अंबेडकरनगर से गिरफ्तार किया है।
यह शिक्षक सीतापुर से एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए शत्रुघन का सगा भाई है। एसटीएफ को शत्रुघन से ही इसके बारे में जानकारी मिली है। इन दो की गिरफ्तारी के साथ ही एसटीएफ को छह ऐसे और शिक्षकों के बारे में सूचनाएं मिली हैं। जल्द उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि गिरफ्तार शिक्षक की शिनाख्त संतकबीर नगर के घनघटा निवासी रामानन्द के रूप में हुई है। वह साल 2009 में दीपक कुमार सिंह के नाम से बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के रूप में भर्ती हुआ था। वह वर्तमान में टांडा के बैरमपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात है। साहब राम तिवारी ने उसे गोरखपुर निवासी दीपक कुमार सिंह के शैक्षिक प्रमाण पत्र, हाई स्कूल व इंटर की मार्कशीट, बीएससी व बीएड की सेकेंड कॉपी उपलब्ध करवाई थी। उसके जरिए ही रामानन्द ने अपनी फोटो और दीपक कुमार सिंह के दस्तावेजों की प्रति लगाकर सहायक अध्यापक की नौकरी पा ली। तैनाती के दौरान उसने अपनी शैक्षिक योग्यता बीए और बीटीसी बताई थी, लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल से खुलासा हुआ कि ये डिग्रियां उसने नौकरी मिलने के बाद हासिल कीं।
रामानन्द के भाई शत्रुघन को भी अनिल कुमार यादव के दस्तावेज साहब राम तिवारी ने ही दिलवाए थे। उसकी तलाश की जा रही है। रामानन्द के पास से दो मोबाइल फोन, दीपक कुमार के नाम से आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड, सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र विभिन्न बैंकों की पासबुक, भाई शत्रुघन के सभी शैक्षिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रतियां, खुद रामानन्द के शैक्षिक मूल प्रमाण पत्रों की प्रतियां, विकलांग प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड बरामद हुए हैं। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ऐसे ही करीब छह संदिग्धों के बारे में एसटीएफ को और सूचना मिली है। आशंका है कि शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाए लोग हैं।