नियमों के फेर में फंसा महिला शिक्षा मित्रों का समायोजन

मेरठ। बेसिक शिक्षा विभाग में करीब 800 से अधिक शिक्षा मित्रों का समायोजन कर दिया गया है। इनमें से अधिकांश अपने मूल विद्यालय में भेज दिए गए हैं। अधिकांश को उनकी इच्छा अनुसार स्कूलों में तैनाती मिल गई है। लेकिन नियमों के कारण ससुराल के नजदीक वाले स्कूलों में जाने की इच्छुक शिक्षा मित्रों का समायोजन फिलहाल अभी नहीं हुआ है।

सपा सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में तैनात शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बना दिए गए था। मेरठ जिले से 905 शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बने थे। इन्हें दूसरे दूर दराज के स्कूलों में तैनाती भी दे दी गई थी, लेकिन बाद में कोर्ट के फैसले के बाद ये फिर से शिक्षा मित्र बन गए थे जो वर्तमान में अभी भी उन्हीं स्कूलों में तैनात थे लेकिन मानदेय कम होने की वजह से ये दूर के स्कूल जाने में एतराज कर रहे थे।
विभाग ने इन शिक्षा मित्रों के समायोजन के निर्देश कर उन्हें पुराने मूल विद्यालय में जाने का विकल्प दिया गया था। महिला शिक्षा मित्रों को उनके ससुराल के नजदीकी स्कूल में जाने की छूट भी दी गई थी। बीएसए सतेंद्र यादव ने बताया कि जिले में 905 शिक्षामित्र हैं। इनमें से केवल 60-70 महिला शिक्षा मित्रों को छोड़कर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सभी शिक्षा मित्रों का समायोजन कर दिया गया है। विभागीय गाइड लाइन के अनुसार जिन्होंने अपने मूल विद्यालय में जाने के विकल्प दिए थे उन्हें वहीं पर भेज दिया गया है। इसी तरह कुछ महिला शिक्षा मित्रों ने अपने पति के निवास स्थान की आईडी आदि संबंधी नियम पूरे नहीं किए हैं। कुछ ऐसे भी मामले हैं जो विकल्प भरे गए हैं वहां शिक्षक का पद रिक्त नहीं है। इनका समायोजन भी जल्द कर दिया जाएगा।