शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका: भारांक जोड़कर रिजल्ट देने की अपील खारिज, 68500 शिक्षकों की लिखित परीक्षा में हुए थे फेल

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण शिक्षामित्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने लिखित परीक्षा के अंकों में भारांक (वेटेज) जोड़कर परिणाम देने की मांग नहीं मानी है।
कोर्ट ने शिक्षामित्रों की ओर से दाखिल विशेष अपील खारिज कर दी है। याचियों का कहना था कि शिक्षामित्रों को शीर्ष कोर्ट के निर्देशानुसार ऐसा किया जाए। इसे कोर्ट ने यह कहते हुए मानने से इन्कार कर दिया कि लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को ही भारांक पाने का अधिकार है।1यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कुलभूषण मिश्र व अन्य की अपील पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों को लगातार दो भर्तियों में भारांक देने को कहा है, ताकि उनका समायोजन हो सके। यह भारांक 22वें संशोधन से लिखित परीक्षा में दिए जाने की व्यवस्था की गई। परीक्षा, योग्यता नहीं बल्कि शार्ट लिस्टिंग है। ऐसे में भारांक जोड़कर लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाए।
राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव का कहना था कि लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन की समीक्षा कर मेरिट सूची तैयार किए जाने का नियम है, जो परीक्षा में सफल होगा उसे ही भारांक पाने का अधिकार है। यह कोई ग्रेस मार्क नहीं है, जिसमें अनुत्तीर्ण को भी उत्तीर्ण किया जा सके।
न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर शिक्षामित्रों को भारांक देकर चयन किया जाएगा। याची का यह भी कहना था कि अभी भी 27 हजार से अधिक पद खाली हैं। यदि शिक्षामित्रों को भारांक जोड़कर परिणाम घोषित किया जाता है तो चयनित हो चुके लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।