एक परिसर में प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों का होगा विलय, ये होंगे फायदे और यह होगी विलय की नीति

बेसिक शिक्षा परिषद की मंशा परवान चढ़ी तो प्रदेश में एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में चल रहे परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर कक्षा एक से आठ तक के 18 हजार से ज्यादा कंपोजिट स्कूल संचालित किये जाएंगे।

बेसिक शिक्षा परिषद ने बीती 22 अक्टूबर को बैठक कर एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर उन्हें एक (कंपोजिट) विद्यालय के रूप में संचालित करने का फैसला किया था। यह भी तय हुआ था कि परिसर में संचालित सभी विद्यालयों में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापकों में वरिष्ठतम ही कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाध्यापक होगा जो विद्यालय का वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण करेगा।
प्रदेश में एक ही परिसर में संचालित परिषदीय विद्यालयों के तीन प्रकार हैं। कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें एक ही कैंपस में एक प्राथमिक और एक उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। कुछ ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक विद्यालय और एक उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। वहीं कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक स्कूल हैं। वर्ष 2017-18 के यू-डायस डाटा के मुताबिक प्रदेश में 18890 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनके परिसर में प्राथमिक विद्यालय भी संचालित हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ संचालित होने वाले प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 19820 है। 1इस हिसाब से प्रदेश में 38710 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के विलय से कक्षा एक से आठ तक के 18990 कंपोजिट विद्यालय संचालित करने का इरादा है। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ.सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने स्कूलों के विलय का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है जिसमें कहा गया है जिन विद्यालयों का विलय किया गया है, उनमें पहले से सृजित शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के पद यथावत बने रहेंगे।