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शिक्षकों की भर्ती के लिए बेसिक से उच्च शिक्षा तक एक आयोग को मिलेगी भर्ती की जिम्मेदारी , नए विज्ञापनों पर उहापोह की स्थिति

प्रयागराज। प्रदेश में बेसिक से उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग के गठन के लिए कवायद तेज कर दी है। इसके लिए ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया जा चुका है और भर्ती संस्थाओं के सचिवों को मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। ड्राफ्ट कमेटी की ओर से तैयार की जाने वाली रिपोर्ट शासन के समक्ष रखी जाएगी और इसके बाद नए आयोग के गठन को अंतिम मंजूरी मिलेगी।

बेसिक शिक्षकों की भर्ती सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की है, जबकि माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड करता है और प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग पर है। शासन इन तीनों भर्ती संस्थाओं का विलय कर एक आयोग के गठन की तैयारी कर रहा है, जो बेसिक से लेकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती करेगा। इसके लिए ड्राफ्ट कमेटी बनाई जा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक तीनों भर्ती संस्थाओं के सचिवों को इस ड्राफ्ट कमेटी में शामिल किया गया है और नए आयोग के गठन का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सचिवों को दी गई है। सूत्रों का कहना है कि ड्राफ्ट कमेटी अपना काम तेजी से कर रही है और जल्द ही नए आयोग के गठन से संबंधित ड्राफ्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके बाद शासन स्तर से इसमें संशोध भी किया जा सकता है। ड्राफ्ट को हरी झंडी मिलने के बाद नए आयोग के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा।
नए विज्ञापनों पर उहापोह की स्थिति
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो हजार से अधिक पदों पर भर्ती होनी है, लेकिन उच्च शिक्षा निदेशालय ने भर्ती के लिए पदों का अधियाचन उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अब तक नहीं भेजा है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में भी नई भर्तियां फंसी हुई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया कब शुरू हो जाएगी और विज्ञापन कब जारी होगा। क्या नए आयोग के गठन के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी या मौजूदा भर्ती संस्थाएं ही विज्ञापन जारी कर भर्ती कराएंगी? इस पर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। 

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