69000 सहायक शिक्षक भर्ती की जांच कर रही एसटीएफ ने अपनी विवेचना पूरी कर ली है। इस फर्जीवाड़े में 20 आरोपी बनाए गए हैं। लेकिन जिस सहायक शिक्षक भर्ती के टॉपर अभ्यर्थियों की सूची पर सवाल उठे थे, उनमें से किसी का भी नाम एसटीएफ ने अपनी जांच में उजागर नहीं किया।
इस पूरे प्रकरण में सिर्फ तीन अभ्यर्थी जेल भेजे गए जिनके नाम सोरांव पुलिस ने उजागर किया था।मई 2020 को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का परिणाम निकला तो अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाया। 5 जून 2020 को राहुल सिंह नाम के अभ्यर्थी ने डॉ. कृष्ण लाल पटेल समेत अन्य के खिलाफ सोरांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई। आरोप लगाया था कि उसने परीक्षा पास करने के लिए 6 लाख रुपया दिया था। पुलिस ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए एक बड़े गैंग का खुलासा किया।
सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी धर्मेंद्र पटेल और बलवंत पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पकड़े गए दोनों अभ्यर्थी 69000 शिक्षक भर्ती में 120 से ज्यादा अंक पाए थे। इस खुलासे के बाद इस प्रकरण की जांच एसटीएफ को दे दी गई। एसटीएफ ने सोरांव पुलिस की विवेचना को आगे बढ़ाया।
इसी क्रम में वांछित डॉ. चंद्रमा यादव समेत अन्य की गिरफ्तारी की। इसके अलावा संतोष पटेल नामक एक और अभ्यर्थी पकड़ा गया जिसने पास होने के लिए मोटी रकम खर्च की थी। संतोष को भी 120 से ज्यादा अंक था। लेकिन इसके अलावा इस भर्ती से जुड़े किसी भी अभ्यर्थी का नाम एसटीएफ की जांच में सामने नहीं आया। जबकि खुलासे के वक़्त पुलिस ने दावा किया था कि दर्जनों अभ्यर्थियों की सेटिंग करके नंबर बढ़ाया गया।