यूपी के शिक्षामित्र को सेवा से हटाने की जनहित याचिका खारिज, सेवा सम्बन्धी मामलों में पीआईएल की इजाजत नहीं : हाईकोर्ट
लखनऊ : 21 नवम्बर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि सरकारी सेवको के सेवा ( सर्विस) सम्बंधित मामलों में जनहित याचिका (पीआईएल) पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और न/न ही इस प्रकार की जनहित याचिकाएं पोषणीय है ।
न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ एक शिक्षामित्र को हटाने व एक अन्य की बतौर शिक्षामित्र सेवा जारी रखने की गुजारिश वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
यह अहम फैसला न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायामूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को सूरज कुमार यादव की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया । इसमें याची ने एक पक्षकार शिक्षामित्र को हटाने व एक अन्य की बतौर शिक्षामित्र सेवा जारी रखने के निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था।
अदालत ने शुरूआती सुनवाई के बाद कहा कि यह मामला एक पक्षकार की सेवा से संबंधित है। यह सुस्थापित है कि सेवा संबंधी मामलों में जनहित याचिका की इजाजत नहीं है। साथ ही याची ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों के तहत अनिवार्य अपना ब्योरा नहीं दिया है। इसके मद्देनजर हम इस पीआईएल को ग्रहण करना जरूरी नहीं मानते हैं और इसे खारिज करते हैं।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील व अन्य पक्षकारों के अधिवक्ता भी पेश हुए और विरोध किया था कि यह जनहित याचिका स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है ।