कोरोना के दौर में केंद्र सरकार स्कूली शिक्षा में भी डिजिटल ढांचे को मजूबत करने की तैयारियों में जुट गई है। इसके तहत स्कूली पढ़ाई में ऑनलाइन शिक्षा के साथ एकीकृत करने, शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण, वर्चुअल लैब की स्थापना, ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली का विकास तथा सस्ती कंप्यूटिंग उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित
कराना शामिल है। शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट में स्कूली शिक्षा में डिजिटल ढांचे की मजबूती पर विशेष जोर होगा। उच्च शिक्षा में भी डिजिटल एवं ऑनलाइन सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा। कोरोना काल में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस पर विशेष फोकस किया गया है।इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग के समक्ष भी डिजिटल शिक्षा के विस्तार के लिए अगले पांच साल के लिए 60 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव दिया है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि स्कूल शिक्षा में सार्वजनिक डिजिटल ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इसमें स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ना, सस्ते कंप्यूटरों की उपलब्धता, बच्चों को कंप्यूटर पर शिक्षण का मौका देना, स्कूलों में सस्ती डिवाइस उपलब्ध कराना ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें इस्तेमाल के लिए छात्रों को दिया जा सके औरइस्तेमाल करने के बादवापस स्कूल को लौटाई जा सकें। इसके अलावा स्वयंप्रभा एवं दीक्षा प्लेटफार्म की संख्या में इजाफा करना तथा इन्हें कक्षाओं के हिसाब से निर्धारित करना एवं इनकी 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करना भी शामिल है। इन प्लेटफार्म पर दोतरफा वीडियो एवं ऑडियो संवाद प्रदान करने वाले उपकरणों का विकास करना भी इसमें शामिल है। कुल 12 डीटीएच चैनल भी सरकार स्थापित कर रही है। कुछ इसमें शुरू किए जा चुके हैं। नई शिक्षा नीति में डिजिटल कंटेंट, बुनियादी ढांचे का विकास तथा क्षमता के निर्माण के लिएएक अलग एजेंसी बनाने की बात कही गई है।
शिक्षा मंत्रालय की योजना है कि कोरोना जैसे संकट की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी है कि शिक्षक और छात्र ऑनलाइन अध्ययन में सहूलियत महसूस करें। इसके लिए पहले ऑनलाइन अध्ययन की कमियों को दूर कर उसे शिक्षा का हिस्सा बनाया जाएगा।