बेसिक शिक्षा विभाग:- एक शिक्षक के जिम्मे 13 विषय, कैसे हो पढ़ाई
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के गृह जनपद में हैं कुल 743 परिषदीय माध्यमिक विद्यालय-जूनियर
शिक्षकों की कमी से 160 विद्यालयों पर लग गया है ताला, 694 में नहीं हैं प्रधानाध्यापक
सिद्धार्थनगर बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालयों (जूनियर) में शिक्षकों के रिक्त पदों से शैक्षणिक कार्य लड़खड़ा गया है। जिले के 160 स्कूलों में ताला लगा हुआ है। जबकि 743 में 694 प्रधानाध्यापकविहीन हैं। जहां एकल शिक्षक हैं, उन पर कक्षा छह, सात और आठ के विद्यार्थियों को 13-13 विषय पढ़ाने का भार है। यह हाल बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के गृह जनपद का है।
सूूबे के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जनपद में परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का भारी टोटा है। रिक्तियों के कारण शिक्षण व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आ रही है। जनपद में 734 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर 94 ही कार्यरत हैं जबकि 694 पद खाली चल रहे हैं। सहायक अध्यापकों की स्वीकृति 2443 के सापेक्ष 1144 ही कार्यरत हैं, जबकि 1299 पदों पर किसी की तैनाती नहीं है। जिले में 75 फीसदी विद्यालय एकल चल रहे हैं। शिक्षक नहीं होने के कारण 160 विद्यालयों में ताला लगा हुआ है। कक्षा छह, सात और आठ के विद्यार्थियों को मंजरी, रेनबो, गणित, विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, महान व्यक्तित्व, हमारा इतिहास और नागरिक जीवन, कृषि विज्ञान, पृथ्वी और हमारा जीवन, गृह शिल्प, खेल और स्वास्थ्य, स्काउट एंड गाइड विषय पढ़ाने का जिम्मा केवल एक शिक्षक पर है। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों, जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति को लेकर शिक्षक संघ निरंतर प्रयासरत है। बीएसए से लगायत मंत्री तक मांगपत्र भी समय-समय पर सौंपा गया, बावजूद उनकी गुहार सुनी नहीं जा रही है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी ने बताया कि पदोन्नति के मुद्दे पर प्रदेश नेतृत्व भी गंभीर है। जल्द ही शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों से मुलाकात की जाएगी। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री कलीमुल्लाह ने बताया कि बीते पांच वर्षों से लगातार मांगपत्र सौंपा जा रहा है। हाल में बीएसए से पुन: मांग की गई है।