69000 शिक्षक भर्ती में शासन स्तर पर गठित कमेटी ने आवेदन पत्रों में हुई गलतियों पर निर्णय ले लिया है। प्राप्तांक अधिक-पूर्णांक कम, प्राप्तांक या पूर्णांक दोनों कम या अधिक या फिर प्राप्तांकों के परस्पर परिवर्तन भरने की गलती होने पर शिक्षक भर्ती में मौका दिए जाने का निर्णय न्याय विभाग लेगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि समिति के मुताबिक ऐसे अभ्यर्थियों के मूल अंकों के आधार पर गुणांक की गणना किए जाने की स्थिति में कुछ अभ्यर्थिंयों का गुणांक संबंधित जिले की अपनी श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी से कम है। लिहाजा चयन नहीं हो सकता। वहीं चयन सूची का प्रकाशन अंतिम रूप से हो चुका है और इसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकता। लिहाजा न्याय विभाग इस पर निर्णय लेगा।
शिक्षामित्रों के संबंध में निर्णय
शिक्षामित्र रहते हुए संस्थागत परीक्षार्थी के रूप में स्नातक परीक्षा पास की गई तो तो उक्त अवधि का भारांक उन्हें नहीं दिया जाएगा। यदि भारांक कम करने के बाद भी वे मेरिट में आते हैं तो नियुक्ति पत्र जारी किया जा सकता है। शिक्षामित्रों के रूप में यदि 10 वर्ष से कम की सेवा है तो 25 भारांक नहीं दिया जाएगा। वास्तविक सेवा के आधार पर भारांक की गणना की जाएगी और यदि अभ्यर्थी का गुणांक उस जिले की श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से कम है तो उस जिले में तैनाती संभव नहीं होगी। वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने शिक्षामित्र न होने के बावजूद भारांक भर दिया है तो वह चयन सूची से बाहर होंगे। इस संबंध में न्याय विभाग का अभिमत लिया जाएगा। जिन शिक्षामित्रों को भारांक नहीं दिया गया है और चयन नहीं किया गया है, उन्हें भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा।
जिन महिला अभ्यर्थियों ने लिंग के कॉलम में पुरुष भरा है और उनका चयन हुआ है तो नियुक्त पत्र दिया जाएगा लेकिन उन्हें क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। लेकिन पुरुष अभ्यर्थियों ने लिंग में महिला भरा है और चयनित हो गए हैं, इस पर न्याय विभाग से परामर्श लिया जाएगा।
ये भी हुए निर्णय-
-अपने या माता-पिता के नामों में वर्तनी की गलतियां या गलत कॉलम में नाम भरने पर नियुक्त पत्र जारी करने के संबंध में मूल प्रमाणपत्र देख कर जिला चयन समिति निस्तारण करेगी।
-जिनके आवेदन पत्र में प्राप्तांक स्पष्ट नहीं या अभ्यर्थियों ने सीजीपीए के आधार पर प्राप्तांकों की स्वयं गणना कर ली गई है जो स्पष्ट नहीं है या फिर ऐसे संस्थान से परीक्षा उत्तीर्ण की गई है जिसकी मान्यता की स्थिति स्पष्ट नहीं है, ऐसे प्रकरणों में संबंधित परीक्षा संस्था से सत्यापन किया जाएगा। वास्तविक प्राप्तांकों के आधार पर जिला चयन समिति निर्णय ले।
-मूल अभिलेख दिखाने का समय तीन महीने दिया जाए।
-सीटेट व यूपी टेट के अंकों में भिन्नता होने पर न्यूनतम आर्हता अंक होने पर नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
चयन होगा निरस्त-
20 दिसम्बर 2020 के बाद स्नातक, बीटीसी, सीटेट या यूपीटेट परीक्षा पास करने वाले या यूपी टेट की वैधता खत्म हो गई हो तो चयन निरस्त कर दिया जाएगा।
यदि किसी ने जाति में एसी की जगह एसटी या विशेष आरक्षण भर दिया है और चयन हो गया है तो चयन निरस्त किया जाएगा। अन्य जिलों के सहायक अध्यापकों के पद पर काम कर रहे शिक्षकों को फिलहाल नियुक्ति पत्र जारी नहीं होगा। उच्च न्यायालय के अंतिम रूप से पारित होने वाले आदेशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी।