यूपी के शिक्षामित्रों के कब बदलेंगे दिन, शिक्षामित्रों को ढाई साल से है रिपोर्ट का इंतजार: शिक्षामित्रों को 12 माह का मानदेय और सेवाकाल 62 वर्ष उम्मीद

 प्रदेश के 1.55 लाख शिक्षामित्रों को ढाई साल से हाई पावर कमेटी का इंतजार है। 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षामित्रों की

समस्याओं के समाधान के लिए हाईपावर कमेटी गठित की थी। शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगों में 12 माह का मानदेय देते हुए सेवाकाल 62 वर्ष करने, मानदेय में आवश्यक वृद्धि करने, प्रतिवर्ष महंगाई के क्रम में मानदेय बढ़ाने, टीईटी पास सभी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का दर्जा देने, 14 सीएल व निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सहित शिक्षकों की भांति समस्त लाभ देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इस कमेटी की बैठक 20 अगस्त 2018 को हुई थी। 



लेकिन कमेटी की रिपोर्ट तकरीबन ढाई साल बीतने के बाद आज तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। लगभग 20 साल की सेवा के बाद भी सड़क पर खड़े शिक्षामित्र हाईपॉवर कमेटी रिपोर्ट लाइए, शिक्षामित्र बचाइए् हैज हैशटैग से पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर अभियान चला रहे हैं। शुरुआत में 1.70 लाख शिक्षामित्र थे लेकिन 12- 13 हजार शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पदपर चयन और ढाई हजार के आसपास शिक्षामित्रों के निधन से वर्तमान में 1.55 लाख बचे हैं।

एक नजर में शिक्षामित्र योजना


हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर शिक्षामित्रों के भविष्य को स्थायित्व प्रदान करें, जिससे उन्हें प्रतिदिन होने वाली मानसिक प्रताड़ना से मुक्ति मिल सके | -कौशल कुमार सिंह, प्रदेश मंत्री उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ