प्रदेश के 3049 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में 1894 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। विशेष सचिव शासन आरवी सिंह ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को
प्रधानाध्यापकों के 390 और सहायक अध्यापकों के 1504 पदों पर भर्ती के संबंध में सोमवार को गाइडलाइन भेजकर जल्द भर्ती परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। 69000 भर्ती में गुणांक का विवाद होने के बाद सरकार ने जूनियर हाईस्कूल भर्ती की गाइडलाइन में ही कटऑफ की स्थिति स्पष्ट कर दी है। 1894 पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का गुणांक सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 65 और सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत होगा। प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा अलग-अलग कराई जाएगी।दोनों भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से उच्च स्तर की परीक्षा कराई जाएगी। सहायक अध्यापकों की परीक्षा 2.30 घंटे की होगी, जिसमें एक-एक अंक के 150 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रधानाध्यापक पद के लिए अभ्यर्थियों को सामान्य प्रश्नपत्र के बाद एक घंटे का एक अतिरिक्त पेपर भी देना होगा जिसमें विद्यालय प्रबंधन से संबंधित 50 प्रश्न पूछे जाएंगे।
प्रधानाध्यापक के पद पर 5 वर्ष अध्यापन अनुभव की अनिवार्यता है। दोनों भर्ती के लिए अलग-अलग ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। लेकिन जो अभ्यर्थी दोनों पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं उन्हें एक ही ऑनलाइन आवेदन में दोनों प्रश्नपत्रों के चयन की सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदन शुल्क अलग-अलग देय होगा।
पाठ्यक्रम के लिए स्पष्ट निर्देश न होने से फंसेगा पेच
एडेड जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व शिक्षक भर्ती के लिए पाठ्यक्रम के संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं होने के कारण पेच फंसता नजर आ रहा है। गाइडलाइन में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती के लिए पाठ्यक्रम का जिक्र नहीं है। सिर्फ इतना लिखा है कि टीईटी से उच्च स्तर की परीक्षा होगी। प्रधानाध्यापक पद के लिए विद्यालय प्रबंधन का ज्ञान अनिवार्य माना गया है। इसके लिए अलग से एक घंटे की परीक्षा कराने को भी कहा गया है लेकिन पाठ्यक्रम क्या होगा यह साफ नहीं है।
टीईटी के बाद परीक्षा के आसार
1894 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा टीईटी के बाद होने के आसार हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से टीईटी के लिए दो बार शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। दूसरी बार भेजे गए प्रस्ताव में 7 मार्च को टीईटी कराने की बात थी। लेकिन शासन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण अब 7 मार्च को परीक्षा कराना मुश्किल है। परीक्षा संस्था को एक और परीक्षा कराने के लिए समय चाहिए होगा। प्रतियोगी छात्र भी चाहेंगे कि टीईटी के बाद ही भर्ती परीक्षा हो क्योंकि जो टीईटी में सफल होगा उसे नई भर्ती में मौका मिल जाएगा।