लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2019 के बाद स्नातक, बीटीसी व सीटेट उत्तीर्ण करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जाएगी। वहीं, शिक्षामित्रों को मिलने वाले भारांक का लाभ नहीं मिलने से नियुक्ति से बंचित रहे शिक्षामित्रों को भी नियुक्ति नहीं दी जाएगी। शासन का मानना है कि भारांक का लाभ देने से जिले की चयन सूची प्रभावित होगी, इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी।
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इन अभ्यर्थियों के चयन होंगे निरस्तअगर आवेदन पत्र में अभ्यर्थी ने अपने श्रेणीएससी के स्थान पर एसटी, विकलांग केस्थान पर डीएफएफ दर्ज की है। इतना हीनहीं. विशेष श्रेणी का अभ्यर्थी नहीं होने केबाबजूद विशेष आरक्षण की श्रेणी अंकितकी हैं उनका चयन निरस्त किया जाएगा।
इन मामलों का ऐसे होगा निस्तारण
महिला के स्थान पर पुरुष और पुरुष के स्थान पर
महिला अंकित करने वाले अभ्यर्थियों के मामले में
जिला स्तरीय समिति दस्तावेज की जांच कर मामले
निस्तारित करेगी। अध्यर्थियों को स्कूलों में नियुक्ति देने का
से पहले चयन या सेवा में किसी तरह का परिवर्तन
की मांग नहीं करने का शपथ पत्र भी लिया जाएगा।
काउंसिलिंग के समय अनुपस्थित रहने बाले अभ्यर्थी
से स्पष्टीकरण लेकर उन्हें भविष्य में होने वाली
काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाएगा।
अभ्यर्थियों की जन्मतिथि गलत अंकित होने पर उनसे
मूल दस्तावेज प्राप्त कर जिला स्तरीय समिति प्रकरण
को निस्तारित करेगी।
अभ्यर्थियों ने प्राप्तांक अधिक-पूर्णांक कम, प्राप्तांक
और दोनों अधिक या दोनों कम अंकित किए
हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के वास्तविक पूर्णांक या प्राप्तांक
की गणना के आधार पर गुणांक निर्धारित करने से
कुछ अभ्यर्थियों का गुणांक संबंधित जिले में उनकी
श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से कम हो.
रहा है। लिहाजा उस जिले में उनका चयन नहीं हो
सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि चयन संबंधी
सूची अंतिम रूप से प्रकाशित हो चुकी है। उसमें
किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं हो सकता है। इस
संबंध में न्याय विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है।
अभ्यर्थियों ने प्राप्तांक कम और पूर्णाक अधिक
अंकित किया है, उन्हें जिला स्तरीय समिति के समक्ष
दस्ताबेज प्रस्तुत करने होंगे। समिति दस्तावेजों से
संतुष्ट होने पर नियुक्ति प्रदान कर सकती है। हालांकि
इससे पहले अभ्यर्थी से भविष्य में भारांक परिवर्तन के
आधार पर चयन या सेवा संबंधी परिवर्तन की मांग
नहीं करने का शपथ पत्र लिया जाएगा।
अभ्यर्थियों के आबेदन पत्र में सीटेट के अंक और
वास्तविक प्राप्तांक में अंतर है तो उनके वास्तविक
अंकों का परीक्षण कराया जाएगा। आरक्षित श्रेणी के
अभ्यर्थी के 55 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी के
अभ्यर्थी के सीटेट में 60 प्रतिशत अंक होने पर
जिला स्तरीय समिति उनके प्रकरण को निस्तारित कर
नियुक्ति प्रदान कर सकती है।
स्वयं के नाम, माता, पिता या पति के नाम में वर्तनी
की गलती होने पर जिला स्तरीय समिति अभ्यर्थी से