primary ka master: खण्ड शिक्षा अधिकारी लेंगे शिक्षकों से काम तो होगी कार्रवाई:-बीईओ के यहां एआरपी और शिक्षकों के परिक्रमा पर लगेगा अंकुश

 सिद्धार्थनगर : खंड शिक्षा अधिकारियों की अब मनमानी नहीं चलने पाएगी। उनके आराम और शिक्षकों से काम लेने की प्रवृत्ति को बीएसए राजेंद्र सिंह ने आड़े हाथों लिया है। बीएसए कार्यालय में आने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। जो जहां नियुक्त है, उसे वहीं पर अपना योगदान देना होगा। ऐसा न करने वालों पर विभाग अब सख्ती से कार्रवाई का मन बना चुका है।



पिछले दिनों बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों बीईओ को निर्देश दिए थे कि वह अपना काम किसी अन्य से नहीं लेंगे। जिनकी जो ड्यूटी है, उसका पालन कड़ाई से किया जाए। लेकिन कुछ बीइओ आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में अपनी धाक जमाने के लिए कार्यालयी कार्यो में जुटे रहने वाले एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) व शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। बीएसए ने इटवा के एक एआरपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उन्होंने बीईओ को पत्र लिखकर चेताया है कि यदि उनके कार्यालय में एआरपी, केआरपी (की रिसोर्स पर्सन), एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप) या शिक्षक कार्यालय का कार्य करते पाए जाएंगे तो बीईओ का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

डुमरियागंज में कार्यरत एआरपी मुश्ताक अहमद के बीआरसी पर रहकर कार्य करने पर चेताया है। इटवा में कार्यरत शिक्षक अब्दुल फरीद का बीआरसी में कार्य करते फोटो बीएसए को प्राप्त हुआ। इस पर उन्हें नोटिस देते हुए जवाब तलब किया है।

कई एआरपी अपने पास रखे हैं विद्यालय का प्रभार: डुमरियागंज के अब्दुल मन्नान ने बीएसए को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया है कि एआरपी पद पर चयनित शिक्षक नियम के विपरीत विद्यालयों का प्रभार संचालित कर रहे हैं। जबकि वह एआरपी बनने के बाद उस विद्यालय से कार्यमुक्त हो चुके हैं। इस संबंध में बीएसए राजेंद्र सिंह ने बताया कि नियम के तहत किसी भी एआरपी, केआरजी, एसआरजी और शिक्षकों से खंड शिक्षा अधिकारी काम नहीं ले सकते। ऐसी शिकायत मिल रही है कि कुछ बीईओ ऐसे लोगों से काम ले रहे हैं। जिन्हें कारण बताओ नोटिस दी गई है।

बीईओ के यहां एआरपी और शिक्षकों के परिक्रमा पर लगेगा अंकुश

बीएसए ने बीईओ और शिक्षकों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब जिम्मेदारी से इतर काम करते मिले तो होगी कार्रवाई