लखनऊ : कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में पिछले साल से बंद चल रहे कक्षा छह से आठ तक के सभी स्कूल 10 फरवरी से खुलेंगे। वहीं कक्षा एक से पांच तक के प्राइमरी स्कूल एक मार्च से खुलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। प्रदेश में उच्च प्राथमिक स्कूल लगभग 11 महीने और प्राथमिक विद्यालय साढ़े 11 महीने बाद खुलेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 15 फरवरी और प्राइमरी स्कूलों को एक मार्च से खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 10 फरवरी से खोलने का निर्देश दिया है, जबकि प्राइमरी स्कूल एक मार्च से खुलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की ओर से जारी शासनादेश में उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों के संचालन में कोविड प्रोटोकॉल और इस बारे में केंद्र सरकार के गृह मंत्रलय की ओर से जारी मानक प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने के लिए कहा गया है। कोरोना संक्रमण की दस्तक को देखते हुए शासन ने पिछले साल 13 मार्च को प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल पिछले साल 19 अक्टूबर और विश्वविद्यालय 23 नवंबर से खुल चुके हैं।
रेमेडियल टीचिंग पर होगा फोकस, चलेगा 100 दिन का विशेष अभियान : परिषदीय स्कूलों के खुलने पर प्रेरणा ज्ञान उत्सव नामक 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण बाधित हुई पढ़ाई की भरपाई करना है। बच्चों के प्रारंभिक आकलन के आधार पर 100 दिनी अभियान के दौरान उनकी रेमेडियल टीचिंग (उपचारात्मक शिक्षा) पर फोकस होगा ताकि वे कक्षा के अनुरूप अपेक्षित लर्निंग आउटकम प्राप्त कर सकें। कोरोना संक्रमण के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए ई-पाठशाला संचालित की गई। फिर भी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। परिषदीय स्कूलों के खुलने के बाद प्राथमिक कक्षाओं के सभी बच्चों का गणित और भाषा ज्ञान जानने के लिए इन विषयों में उनका प्रारंभिक आकलन किया जाएगा, ताकि पता चल सके कि बच्चों ने अब तक क्या सीखा है। इसके बाद बच्चों की एक्सीलेरेटेड लर्निंग पर फोकस होगा।
’>>पढ़ाई की भरपाई को परिषदीय स्कूलों में चलेगा विशेष अभियान
’>>इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश