लखनऊ : 10 फरवरी से कक्षा छह से आठ और पहली मार्च से कक्षा एक से पांच तक के सभी स्कूल खुल जाएंगे। स्कूल खुलने की घोषणा के बाद से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक फील गुड की स्थिति में हैं। वहीं, निजी स्कूल भी उत्साहित हैं। दूसरी ओर अभिभावकों ने शासन के इस आदेश पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि जब तक सबको वैक्सीन नहीं लगती, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
हम इस आदेश के सख्त खिलाफ हैं। हम अपने बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजेंगे जब तक सबको वैक्सीन नहीं लग जाती। बच्चों की इम्युनिटी कम होती है, ऐसे में माता पिता होने के नाते हम उनकी सुरक्षा को लेकर रिस्क नहीं लेंगे। स्कूल अपने ऊपर कोई जिम्मेदारी न लेकर अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र मांग रहे हैं। यह किस हद तक जायज है।भूपेंद्र सिंह सिकरवार, पदाधिकारी, आदर्श अभिभावक संघ
सरकार की ओर से लिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। हालांकि, निजी स्कूल एसोसिएशन संक्रमण के कम होते खतरे को ध्यान में रखकर पिछले कई दिनों से स्कूल खोले जाने की मांग कर रहा था। सरकार ने इसका पूरा संज्ञान लिया। निजी स्कूल संक्रमण को लेकर जारी प्रोटोकाल के तहत पूरी तरह तैयार है।अनिल अग्रवाल, स्टेट प्रेसिडेंट, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
सभी स्कूलों को सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश का अक्षरस: पालन करना होगा। निजी स्कूल हो या सरकारी सभी को संक्रमण को लेकर जारी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर संचालन करना होगा।डा. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक
शिक्षकों के लिए स्कूल नियमित खुले रहे। बच्चों के बिना उन्हें स्कूल में अच्छा नहीं लग रहा था। शासन के आदेश पर स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त किए जाने को लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे और बच्चों को संक्रमण को लेकर बनाई गई एसओपी के तहत एहतियात के साथ शिक्षा मुहैया कराएं।दिनेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी