शासन ने यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी हो जाने के बाद आगामी सत्र 2021-22 का शैक्षणिक कैलेंडर अलग से जारी करने का फैसला किया है। हालांकि आगामी शैक्षिक सत्र पूर्व निर्धारित शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही 10 जुलाई से शुरू हो जाएगा।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग ने प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व कुलसचिवों के अलावा निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेज कर शासन के इस फैसले से अवगत कराया है। इससे स्पष्ट है कि स्नातक प्रथम वर्ष को छोड़कर अन्य कक्षाओं में प्रवेश आदि की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही शुरू हो जाएगी।
इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम आने में देरी की वजह से स्नातक प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया के कार्यक्रम में बदलाव किया जा सकता है। पूर्व के वर्षों में इंटरमीडिएट की परीक्षा फरवरी या अधिक से अधिक 15 मार्च तक संपन्न करा ली जाती रही है। इस बार कोरोना संकट के कारण पढ़ाई बाधित होने से यह परीक्षा अप्रैल से मई के बीच होने की संभावना है। परीक्षा कार्यक्रम अभी घोषित नहीं है।
शासन ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को 30 मई 2021 तक सभी परीक्षाएं सम्पन्न करा लेने और 30 जून तक परीक्षा परिणाम घोषित कर देने का लक्ष्य दिया है। इसके साथ ही प्रयोगात्मक और लिखित परीक्षाओं के आयोजन की तिथियां भी प्रस्तावित की हैं। हालांकि इस कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाएं कराना विश्वविद्यालयों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसमें विषम सेमेस्टर की लिखित परीक्षा फरवरी से मार्च के बीच कराने को कहा गया है तो सम सेमेस्टर एवं वार्षिक लिखित परीक्षाएं मई में कराने को कहा गया है। फिलहाल सभी विश्वविद्यालयों में इस कार्यक्रम के अनुसार तैयारी शुरू हो गई है।