डा. प्रभात का कार्यकाल पूरा, यूपीपीएससी ने 21 माह में की रिकार्ड 22,876 भर्तियां

 प्रयागराज : उप्र लोकसेवा आयोग में जुलाई 2019 में अध्यक्ष पद पर सिर्फ चेहरा नहीं बदला, संस्थान में भर्तियों का नव प्रभात हुआ था। अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार की अगुवाई में महज 21 माह के कार्यकाल में रिकार्ड

22,876 भर्तियां ताबड़तोड़ की गईं। शायद ही कोई दिन रहा हो, जब परीक्षा या फिर परिणाम से संबंधित सूचना वेबसाइट पर जारी न हुई हो। एक भर्ती पूरा होने से पहले ही दूसरे का कार्यक्रम तय होता रहा, यह क्रम कोविड-19 के कठिन दौर में भी नहीं थमा। संस्थान ने जून 2015 से 2019 तक चार साल में सिर्फ 17,316 अभ्यर्थियों का ही चयन किया था।



प्रदेश में योगी सरकार बनने के समय यूपीपीएससी में डा. अनिरुद्ध सिंह यादव अध्यक्ष थे। उनका कार्यकाल पूरा होने पर दो जुलाई 2019 को तेजतर्रार आइएएस रहे डा. प्रभात कुमार को कमान सौंपी गई। डा. कुमार ने विपरीत हालात में कामकाज संभाला।

परीक्षाओं की लेटलतीफी इस कदर थी कि 2017 की पीसीएस परीक्षा तक नहीं हुई थी। इसे देखते हुए सभी भर्तियों को पटरी पर लाने के लिए विस्तृत परीक्षा कैलेंडर तैयार कराया गया। तय समय में परीक्षा और अनुमान से पहले परिणाम देने का सिलसिला अंत तक जारी रहा।

1883 बोर्ड में 37483 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार : आयोग में 1883 साक्षात्कार बोर्ड गठित हुए और उनमें 37483 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया। इसके पहले चार साल में 1665 बोर्ड गठित हुए थे व 30158 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया था। अब 2021 की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा जून में प्रस्तावित है।

’उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने चार पीसीएस भर्तियां की पूरी

’जून 2015 से 2019 चार साल में सिर्फ 17316 का हुआ था चयन

ये रिकार्ड भी बने

’पहली बार छह माह में पीसीएस 2020 का चयन पूरा।

’प्रारंभिक का 40 दिन, मेंस का 54 दिन व साक्षात्कार का चौथे दिन रिजल्ट

’2018 की आयोग की पदों के हिसाब से सबसे बड़ी भर्ती पूरी कराई।

अलग ढंग से बदला चेहरा

अध्यक्ष प्रभात कुमार विदाई समारोह में बोले कि उन्होंने चीजों को अलग ढंग से किया जिससे यूपीपीएससी की संगठनात्मक संस्कृति में बदलाव हुआ। इस दौरान पेपर लीक व भ्रष्टाचार की कोई शिकायत नहीं हुई। किसी भी अदालत से स्थगनादेश नहीं हुए। योग्यता के आधार पर चयन में निष्पक्षता व पारदर्शिता कायम रखने का प्रयास किया।

720 मामलों का निपटारा

आयोग में अनुशासनात्मक कार्यवाही के कुल 720 मामलों का निपटारा किया गया, जबकि पिछले चार साल में केवल 672 मामलों का ही निपटारा हुआ था। मामलों का निपटारा एक माह में हुआ।

ये पीसीएस भर्तियां पूरी

वर्ष >> पद

2017 >> 676

2018 >> 988

2019 >> 453

2020 >> 487

कुल >> 2604