7th Pay commission: केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत,इस रकम में नहीं देना पड़ता टैक्स

7th Pay Commission: केन्द्र सरकार ने पिछले बजट (Budget 2021) में केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत दी थी. दरअसल, सरकार ने कर्मचारियों के लिए यात्रा भत्ता (Travelling allowance) अवकाश योजना में कैश वाउचर स्कीम (LTC Cash Voucher Scheme) को Budget 2021 में नोटिफाई किया गया था.इस बाद इस राशि पर केंद्रीय कर्मचारियों को Tax नहीं देना पड़ता. उम्मीद की जा रही है कि बजट 2022 (Budget 2022) में भी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए के बड़े ऐलान हो सकते हैं.





क्या है Cash Voucher Scheme



इस स्‍कीम का ऐलान 12 अक्‍टूबर 2020 को किया गया था. पहले ये स्कीम केवल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए थी लेकिन बाद में इस योजना में प्राइवेट और दूसरे राज्‍य कर्मचारियों को भी शामिल कर लिया गया था. बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि Covid 19 Mahamari के कारण LTC को टैक्‍स छूट में रखा गया है. सरकार को उम्मीद है कि इस स्कीम से सरकारी कर्मचारियों की जेब में ज्यादा पैसे भी आएंगे और जब पैसा होगा तो वह उसे खर्च भी करेगा. इस पूरी व्यवस्था से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. कोरोना के चलते जो कर्मचारी LTC का फायदा नहीं उठा पाए, उन कर्मचारियों को यात्रा भत्ता अवकाश योजना में कैश वाउचर स्कीम का फायदा दिया जायेगा.



क्‍या है LTC



केन्द्रीय कर्मचारियों को 4 साल में LTC मिलता है. इस भत्ते में वह इस दौरान एक बार देश में कहीं भी यात्रा कर सकता है. इस समय के दौरान कर्मचारी दो बार अपने होमटाउन यानी घर जाने का मौका मिलता है. इस यात्रा भत्ते में कर्मचारी को हवाई यात्रा और रेल यात्रा का खर्चा मिलता है. इसके साथ कर्मचारियों को 10 दिन की PL (Priviledged Leave ) भी मिलती है. 



कैश वाउचर स्कीम के लिए गाइडलाइंस



- LTC के बदले कर्मचारियों को नकद भुगतान दिया जाएगा.

- कर्मचारी के ग्रेड के हिसाब से यात्रा भाडे़ का भुगतान किया जाएगा.

- भाड़े का भुगतान पूरी तरह टैक्स फ्री होगा.

- इस योजना का फायदा उठाने वाले कर्मचारी को भाड़े का तीन गुना खर्च करना होगा.

- लीव एनकैशमेंट के लिए भुगतान के बराबर ही खर्च करना होगा.

- 31 मार्च 2021 से पहले खर्च करने होंगे.

- कर्मचारियों को उस मद में पैसा खर्च करना होगा, जिन पर 12 परसेंट या उससे अधिक जीएसटी लगता हो.

- केवल जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर या व्यापारी से ही सेवाएं या वस्तुओं की खरीद करनी होगी.

- सेवा या वस्तुओं का भुगतान भी डिजिटल तरीके से करना होगा.

- यात्रा भत्ता या अवकाश भत्ता का क्लेम करते समय जीएसटी की रसीद देनी होगी.