उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ और पुलिस की टीमें अभी तक भी मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच सकी हैं। सबसे बड़ा सवाल अभी तक अनसुलझा है कि यह पेपर सबसे पहले कहां से लीक हुआ था और किसने इस पेपर को लीक कराने में अहम भूमिका निभाई थी और इसे सॉल्वरों को उपलब्ध किसने कराया था।
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एसटीएफ अधिकारियों की मानें तो अभी तक उस व्यक्ति को चिह्नित नहीं किया जा सका है, जिसने सबसे पहले पेपर लीक किया था। इसे लेकर जांच चल रही है और अब तक गिरफ्तार हो चुके 54 आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ की नोएडा टीम ने इस मामले में मुख्य आरोपी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद को रिमांड पर लिया था और उनसे पूछताछ की थी। इस दौरान राय अनूप प्रसाद की दिल्ली स्थित फर्म से टीईटी के पेपरों के दो बंडल बरामद हुए थे।
यह है मामला: 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद यह परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। इस मामले की जांच में जुटी नोएडा एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय समेत 54 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया है।
इस मामले में प्रदेश में दर्ज सभी मुकदमों की जांच एसटीएफ को मिल चुकी है
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