लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए रुपये बांटे जाने से रोकने के लिए गठित उड़नदस्ता ही रिश्वतखोरी में फंस गया। पुलिस ने मजिस्ट्रेट और कैमरामैन को हिरासत में ले लिया है जबकि आरोपित सिपाही फरार हो गया। मौके से रिश्वत के 50 हजार रुपये बरामद हुए।
शुक्रवार शाम इंपीरियल तिराहे पर उड़नदस्ते ने चेकिंग की तो प्रापर्टी डीलर दीक्षित शर्मा की कार से दो लाख रुपये बरामद हुए। दीक्षित शर्मा का कहना है कि वाणिज्य कर विभाग में जुर्माना जमा भरने के लिए किसी व्यापारी से रुपये उधार लेकर आ रहे थे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
कार्रवाई का डर दिखाने के साथ ही उड़नदस्ते में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों ने उन्हें धमकाया और बाद में 50 हजार रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया। चेकिंग प्वाइंट पर ही पीछे से कार में आकर कैमरामैन सुशील ने रिश्वत ली। इसके बाद उन्होंने एसएसपी हेमराज मीना से फोन पर शिकायत की। एसएसपी ने सीओ और कोतवाली प्रभारी उषा मलिक को मौके पर भेजा। आरोपितों से मौके पर ही 50 हजार रुपये बरामद हुए। उड़नदस्ते में शामिल मजिस्ट्रेट
(नलकूप विभाग के अवर अभियंता) सुरजीत कुमार और कैमरामैन सुशील को पुलिस ने हिरासत में ले लिया जबकि सिपाही दुष्यंत मौका पाकर फरार हो गया। सीओ कोतवाली सुनीता दहिया ने बताया कि तीनों आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।
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