प्रयागराज। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) बड़ी संख्या में भर्तियां करने जा रहा है। आयोग को जून से दिसंबर के बीच डेढ़ दर्जन परीक्षाओं का आयोजन कराना है। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद आयोग के लिए आगामी परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सबसे बढ़ी चुनौती होगी।
यूपीपीएससी के वर्ष 2024 के कैलेंडर में जून से दिसंबर तक नौ परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। इससे पूर्व 11 फरवरी को हुई समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 पेपर लीक मामले में शासन स्तर से निरस्त की जा चुकी है, जिसे दोबारा आयोजित किया जाना है, लेकिन आयोग ने पुनर्परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं की है।
वहीं, आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद आयोग ने 17 मार्च को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, 22 मार्च को प्रस्तावित स्टाफ नर्स (यूनानी/आयुर्वेदिक) (पुरुष/महिला) प्रारंभिक परीक्षा, सात अप्रैल को प्रस्तावित सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक परीक्षा, नौ अप्रैल को प्रस्तावित अपर निजी सचिव परीक्षा (शॉर्टहैंड टाइपिंग) और 24 अप्रैल को प्रस्तावित स्टाफ नर्स एलोपैथी (पुरुष/महिला) मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी थी। ये परीक्षा भी आयोजित की जानी हैं।
वहीं, आयोग ने बीते दिनों सम्मिलित राज्य कृषि सेवा परीक्षा-2024 का विज्ञापन जारी किया था, जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इस परीक्षा की तिथि भी अभी घोषित नहीं की गई है। इस हिसाब से आयोग के सामने कुल
16 परीक्षाओं के सफल आयोजन की चुनौती है। इनके अलावा मेडिकल अफसर के 2532 पदों पर सीधी भर्ती होनी है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।
आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती, सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा भर्ती, राजकीय डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए भी रिक्त पदों का अधियाचन मिल चुका है। विभिन्न कारणों से इन भर्तियों के लिए विज्ञापन अभी जारी नहीं किए गए हैं। विज्ञापन जारी होने के बाद इन भर्तियों के लिए भी परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद आयोग के लिए प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को लेकर चुनौतियां बढ़ीं है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा- 2024 समेत पांच परीक्षा इसलिए स्थगित की गईं, ताकि परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त इंतजाम किए जा सकें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इन परिस्थितियों में चुनाव के बाद बड़ी संख्या में भर्ती परीक्षाएं कराना आयोग के लिए बड़ी चुनौती होगी।
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