हरदोई में ओबीसी पुरुष वर्ग में
रोल नम्बर 04016112 योगेश कुमार नाम के अभ्यर्थी ने आवेदन किया। आवेदन में
इसने 116 अंक बताए हैं। जबकि, यह रोल नम्बर पूनम सिंह नाम की महिला का है।
जोकि, 93 अंक पाकर फेल हुई। विभागीय जांच में इसकी खुलासा भी हुआ है। इसी
जिले की सूची में रोल नम्बर 08012002 मनोज कुमार के अंक 117 बताए गए। जबकि,
वास्तव में यह 95 अंक हैं। रोल नम्बर 16036540 जितेन्द्र सिंह के अंक सूची
में 117 और वास्तव में 85 हैं। टीईटी रोल नम्बर 03033096 उमेश कुमार सिंह
(पिता का नाम : नेत्र पाल सिंह) के 117 अंक दिखाकर नियुक्ति पत्र दिया गया
है। जबकि, परीक्षा फल में 83 अंक बताकर इसे फेल बताया गया है।
प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि कई फर्जी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। इनमें ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जिनके बताए रोल नम्बर टीईटी-2011 के वास्तविक परीक्षा परिणाम में ही नहीं हैं। विभिन्न जिलों में जारी चयनित छात्रों की सूची और टीईटी-2011 के वास्तविक परीक्षा परिणाम में उसके मिलान किए जाने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
खुलासे के बाद भर्ती प्रक्रिया में शामिल टीईटी-2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थी काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि इस फर्जीवाड़े के कारण कई पात्र अभ्यर्थियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। इनके संगठन टीईटी उत्तीर्ण (2011) संघर्ष मोर्चा की ओर से निष्पक्ष जांच कर भर्तियां कराने की मांग उठाई है। संगठन के उपाध्यक्ष डॉ.एमपी सिंह ने कहा है कि इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में भी रखा जाएगा।
मार्कशीट से छेड़छाड़ कर बढ़ाए अंक: यह पूरा खेल फर्जी मार्कशीटों के आधार पर किया गया है। टीईटी उत्तीर्ण (2011) संघर्ष मोर्चा के डॉ.एमपी सिंह ने बताया कि 2011 में सपा सरकार ने टीईटी से जुड़े कई रिकॉर्ड उपलब्ध न होने की बात कही थी। इसी का फायदा उठाने के लिए जालसाजों ने टीईटी अंक पत्रों की स्कैन कॉपी में छेड़छाड़ कर अंक बढ़ाकर आवेदन कर दिए।
फेल अभ्यर्थियों के रोल नम्बरों का इस्तेमाल: कई मामलों में फेल अभ्यर्थियों के रोल नम्बरों का इस्तेमाल भी किया गया है। चूंकि, यह अभ्यर्थी नियुक्ति पाने की उम्मीद खो चुके हैं। ऐसे में इनके रोल नम्बर का इस्तेमाल कर फर्जी मार्कशीट तैयार की गई। जिसमें, मनचाहे अंक दिखाकर आवेदन किए और नियुक्ति पत्र भी प्राप्त कर लिए गए हैं।
फिलहाल हमारे पास इस प्रकार का कोई मामला या शिकायत नहीं आई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम जारी किए गए हैं। यहां वैरिफिकेशन के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी किए जा रहे हैं। अगर कोई गड़बड़ी सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
- सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी)
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि कई फर्जी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। इनमें ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जिनके बताए रोल नम्बर टीईटी-2011 के वास्तविक परीक्षा परिणाम में ही नहीं हैं। विभिन्न जिलों में जारी चयनित छात्रों की सूची और टीईटी-2011 के वास्तविक परीक्षा परिणाम में उसके मिलान किए जाने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
खुलासे के बाद भर्ती प्रक्रिया में शामिल टीईटी-2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थी काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि इस फर्जीवाड़े के कारण कई पात्र अभ्यर्थियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। इनके संगठन टीईटी उत्तीर्ण (2011) संघर्ष मोर्चा की ओर से निष्पक्ष जांच कर भर्तियां कराने की मांग उठाई है। संगठन के उपाध्यक्ष डॉ.एमपी सिंह ने कहा है कि इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में भी रखा जाएगा।
मार्कशीट से छेड़छाड़ कर बढ़ाए अंक: यह पूरा खेल फर्जी मार्कशीटों के आधार पर किया गया है। टीईटी उत्तीर्ण (2011) संघर्ष मोर्चा के डॉ.एमपी सिंह ने बताया कि 2011 में सपा सरकार ने टीईटी से जुड़े कई रिकॉर्ड उपलब्ध न होने की बात कही थी। इसी का फायदा उठाने के लिए जालसाजों ने टीईटी अंक पत्रों की स्कैन कॉपी में छेड़छाड़ कर अंक बढ़ाकर आवेदन कर दिए।
फेल अभ्यर्थियों के रोल नम्बरों का इस्तेमाल: कई मामलों में फेल अभ्यर्थियों के रोल नम्बरों का इस्तेमाल भी किया गया है। चूंकि, यह अभ्यर्थी नियुक्ति पाने की उम्मीद खो चुके हैं। ऐसे में इनके रोल नम्बर का इस्तेमाल कर फर्जी मार्कशीट तैयार की गई। जिसमें, मनचाहे अंक दिखाकर आवेदन किए और नियुक्ति पत्र भी प्राप्त कर लिए गए हैं।
फिलहाल हमारे पास इस प्रकार का कोई मामला या शिकायत नहीं आई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम जारी किए गए हैं। यहां वैरिफिकेशन के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी किए जा रहे हैं। अगर कोई गड़बड़ी सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
- सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी)
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