शिक्षक संगठन मूल्यांकन बहिष्कार पर अड़े : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कल से शुरू हो रहे मूल्यांकन पर संकट
शिक्षक संगठनों ने कर रखी है यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन बहिष्कार की घोषणा
लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड के 30 मार्च से शुरू होने वाले मूल्यांकन कार्य पर संकट के बादल दिख रहे हैं। एक तरफ जहां विभिन्न शिक्षक संगठन तीन दिन के मूल्यांकन बहिष्कार पर अड़े हुए हैं वहीं दूसरी ओर बहुत से शिक्षकों को गलत नियुक्ति पत्र मिलने से उनका मूल्यांकन में शामिल होना मुश्किल लग रहा है।
राजधानी में बनाए गए पांच मूल्यांकन केंद्रों पर लगभग 15 लाख बोर्ड कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है। इसके लिए बोर्ड द्वारा 13 अप्रैल तक का समय दिया गया है। लेकिन इनमें से तीन दिन तो शुरू में ही मूल्यांकन कार्य बंद रहने के आसार दिख रहे हैं। शिक्षकों की 20 सूत्री मांगों में सीबीएसई के बराबर मूल्यांकन पारिश्रमिक, मूल्यांकन के दौरान बैठने की उचित व्यवस्था, निशुल्क चिकित्सा सुविधा, वित्तविहीन शिक्षकों के लिए घोषित मानदेय का भुगतान जैसे मुद्दे शामिल हैं।
कॉलेज नहीं ले रहे नियुक्ति पत्र
सोमवार से मूल्यांकन कार्य शुरू होना है और अभी तक लगभग 250 कॉलेजों ने शिक्षकों के नियुक्ति पत्र शिक्षा भवन से नहीं लिए। इनमें वित्तविहीन विद्यालयों की संख्या सबसे अधिक है। हालांकि कुछ सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। शनिवार को रामनवमी का अवकाश होने के बावजूद डीआईओएस कार्यालय में परीक्षा विभाग खोला गया, लेकिन कुछ ही ही कॉलेजों ने अपने शिक्षकों के नियुक्ति पत्र लिए। इस समस्या से मूल्यांकन कार्य प्रभावित होना लगभग तय है क्योंकि बिना नियुक्ति पत्र के शिक्षक मूल्यांकन नहीं कर सकते। शनिवार को त्रिवेणी नगर मांटेसरी स्कूल की शिक्षिका इंदु श्रीवास्तव का नियुक्ति पत्र का लिफाफा खोलने पर उनका विषय बदला हुआ मिला। कॉलेज की तरफ से लिफाफा लेने पहुंचे व्यक्ति ने बताया कि इंदु श्रीवास्तव इतिहास विषय की शिक्षिका हैं। जबकि उनका नियुक्ति पत्र हाईस्कूल विज्ञान की कॉपी जांचने के लिए बना हुआ है।
बोर्ड ने दिए निर्देश, ध्यान से करें मूल्यांकन
यूपी बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर डीआईओएस को बोर्ड की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को कार्यालय पहुंचे बोर्ड के पत्र में साफ कहा गया है कि पिछले सालों में कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान अपेक्षित ध्यान न दिए जाने से गंभीर त्रुटियां सामने आई हैं। इन्हें देखते हुए हाईकोर्ट ने कई परीक्षकों पर 50 हजार रुपये तक के अर्थदंड के आदेश भी दिए हैं। बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि पुस्तक पर केजिंग करने के बाद उससे एवॉर्ड में अंक चढ़ाने का काम सावधानी से किया जाए।
नियुक्ति पत्र में गलतियों का मामला सामने आया है। मूल्यांकन केंद्र प्रभारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वह इसमें संशोधन कर सकते हैं। जिनके नियुक्ति पत्र गलत हैं, वह केंद्र पर प्रभारी को अपने दस्तावेज दिखाकर संशोधन करा सकते हैं।
-
पीसी यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक
सीबीएसई के बराबर पारिश्रमिक दिए जाने की मांग कर रहे शिक्षक
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि यूपी बोर्ड में हाईस्कूल की कॉपी मूल्यांकन के लिए 6 रुपये और इंटर के लिए 7 रुपये प्रति कॉपी भुगतान किया जाता है। जबकि सीबीएसई में प्रति कॉपी 16 और 20 रुपये का भुगतान होता है। इसकेअलावा मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षकों के बैठने और पीने के पानी तक की उचित व्यवस्था नहीं रहती। इन समस्याओं को लेकर लंबे समय से शासन का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है लेकिन कोई सुधार का प्रयास नहीं दिखता। डॉ. मिश्रा ने बताया कि मूल्यांकन में लगे शिक्षकों को यातायात केलिए 20 रुपये मिलते हैं जबकि सीबीएसई में यह पांच गुना अधिक है। बताया कि सरकार ने वित्त विहीन शिक्षकों के लिए घोषित मानदेय 10 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान भी शुरू नहीं किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ संघर्ष मोर्चा के जिला मंत्री अमित सिंह ने कहा कि विधायकों ने बिना किसी विरोध के अपना वेतन भत्ता बढ़ा लिया लेकिन एक अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लालच दिखाकर अन्याय किया गया।
फैक्ट फाइल :
लखनऊ में मूल्यांकन केंद्र- राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज, बीएसएनवी इंटर कॉलेज, अमीनाबाद इंटर कॉलेज, राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज।
कक्षाकॉपियांपरीक्षक
हाईस्कूल5,44,6301,828
इंटर8,39,3111,995
कुल संख्या13,83,9413,823
कुल उप प्रधान परीक्षक348

 More Related News 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe