इलाहाबाद : प्रदेश के प्रशिक्षु शिक्षक मौलिक नियुक्ति पाने के लिए अड़
गए हैं। स्कूलों में पढ़ाई कार्य का बहिष्कार करके सोमवार को शिक्षा
निदेशालय का घेराव एवं बेमियादी धरना शुरू कर दिया गया है। प्रशिक्षुओं को
मनाने के लिए तीन दौर की वार्ता हुई, लेकिन सभी बेनतीजा रही। मंगलवार को
टीईटी प्रशिक्षु संघ के प्रांतीय पदाधिकारी व अन्य जिलों से और प्रशिक्षुओं के आने का दावा किया जा रहा है।
मौलिक नियुक्ति के लिए शिक्षा निदेशक बेसिक का पत्र चार दिन बाद भी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को प्राप्त नहीं हुआ है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 सहायक शिक्षकों की
भर्ती के तहत करीब 58 हजार से अधिक प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी।
उनमें से अधिकांश ने छह माह का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जबकि सैकड़ों
प्रशिक्षु शिक्षक ऐसे हैं जिनका प्रशिक्षण सात से आठ माह का हो गया है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 43 हजार से अधिक प्रशिक्षुओं की
मूल्यांकन परीक्षा कराकर परिणाम भी घोषित कर दिया है। यही नहीं तमाम
प्रशिक्षुओं को परीक्षा पास करने का प्रमाणपत्र भी मिल गया है। इसके बाद भी उन्हें मौलिक नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
दरअसल प्रशिक्षु शिक्षकों को अभी 7300 रुपये का मानदेय मिल रहा है, जबकि
मौलिक नियुक्ति होते ही नियमित वेतन पाने के हकदार हो जाएंगे। इस संबंध
में प्रशिक्षु शिक्षकों ने तमाम बार उच्च अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया,
इसके बाद भी अनसुनी पर सोमवार से शिक्षा निदेशालय में सचिव बेसिक शिक्षा
परिषद का कार्यालय घेराव कर धरना दिया जा रहा है। दिन भर जमकर नारेबाजी
हुई। प्रदेश भर से बड़ी तादात में पहुंचे प्रशिक्षुओं ने कहा कि वह बिना
आदेश लिए वापस नहीं जाएंगे, जब तक आदेश नहीं होगा कार्य बहिष्कार कर धरना
देते रहेंगे। इस दौरान तीन बार प्रशिक्षुओं से आंदोलन खत्म कराने का अनुरोध
किया गया, लेकिन वह नहीं माने। मंगलवार से प्रशिक्षुओं की तादात और बढ़ने के आसार हैं।
आठ अक्टूबर को कई जिलों के प्रशिक्षुओं ने शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ
दिनेश बाबू शर्मा के कार्यालय में जमकर हंगामा किया था उसी दिन उन्होंने
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा का पत्र भेजकर निर्देश दिया था कि
मौलिक नियुक्ति के लिए आगे की कार्यवाई की जाए। इस पत्र का प्रशिक्षुओं ने
हवाला दिया तो सचिव कार्यालय का दावा है कि ऐसा पत्र उन्हें मिला ही नहीं।
साथ ही कहा जा रहा है कि अब शासन को सारी स्थिति से अवगत करा दिया है, जो
निर्देश आएगा उसी के अनुरूप कार्यवाई करेंगे।
प्रशिक्षु शिक्षकों की जो परीक्षा अगस्त में कराई गई थी उसके प्रमाणपत्र
प्रदेश के 56 जिलों में पहुंचा दिए गए हैं, बाकी जिलों में जल्द ही पहुंच
जाएंगे। प्रशिक्षुओं की आगे की कार्यवाही मेरे हाथ में नहीं है’। ~ नीना
श्रीवास्तव, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकारी बीएसए है उसे ही
निर्देश दिया जाना है। इस संबंध में एससीईआरटी का कोई रोल नहीं है। हमें
चयन का जिम्मा मिला था वह पूरा किया।’ - सर्वेद्र विक्रम सिंह, निदेशक
एससीईआरटी लखनऊ
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