अवकाश में खेल रोकने को लागू की गई नई व्यवस्था
हरदोई, जागरण संवाददाता: विद्यालयों में अवकाश की आड़ में खेल नहीं हो सकेगा। जमा पर्ची के आधार पर शिक्षक शिक्षिकाओं को छुट्टी मिलेगी। अवकाश स्लिप भरकर विद्यालय में रखनी होगी और खंड शिक्षा अधिकारी को संदेश भी भेजना होगा।
आकस्मिक स्थिति में प्रधानाध्यापक पर्ची भरकर रखेंगे और बीइओ को संदेश भेजकर सूचना देंगे। परिषदीय विद्यालयों में चल रहे खेल पर शिकंजा कसने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को साल में 14 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता है। वैसे अवकाश तो 14 ही होते हैं लेकिन इन 14 अवकाशों की आड़ में न जाने कितनी छुट्टियां ले ली जाती हैं और तो और अवकाश लेने के बाद भी कई ऐसे भी मिलते हैं जिनके दिसंबर में अवकाश बच जाते। दरअसल इसके पीछे पूरा खेल होता है। विद्यालयों में अवकाश का प्रार्थना पत्र लिखखर रख दिया जाता है। जिन्हें जरुरत होती है वह अवकाश ले लेते हैं लेकिन जुगाड़ वाले बिना तिथि के इस प्रार्थना पत्र पर न जाने कितने दिन अवकाश लेते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर कोई निरीक्षण करने पहुंच जाता है तो अवकाश दर्ज कर दिया जाता है नहीं तो अगले दिन शिक्षक शिक्षिका के विद्यालय पहुंचने पर प्रार्थना पत्र फाड़कर फेंक दिया जाता और फिर हस्ताक्षर कर दिए जाते। यह आज से नहीं न जाने कब से चलता आ रहा है और जुगाड़ वाले शिक्षक शिक्षिकाएं इसकी दम पर नौकरी ही करते हैं, लेकिन इस खेल पर शिकंजा कसने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है। एडी बेसिक के आदेश पर लागू की जा रही व्यवस्था में अब पर्ची के आधार पर ही अवकाश मिलेगा। नई व्यवस्था के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारियों को आकस्मिक अवकाश की स्लिप दी जा रही हैं। जोकि अपने हस्तारयुक्त हर शिक्षक शिक्षिका को 14-14 स्लिप देंगे। अवकाश की आश्यकता होने पर स्लिप को भरकर विद्यालय में रख दिया जाएगा और फिर बीइओ को एसएमएस भेजकर इसकी जानकारी दे दी जाएगी। निरीक्षण के समय अधिकारी इसी स्लिप को देकेंगे। स्लिप जमा होती रहेगी और साल के अंत में जमा कराई जाएगी जिससे कि अवकाश की सही जानकारी हो जाएगी। लागू की गई व्यवस्था के अनुसार अगर किसी शिक्षक शिक्षिका को आकस्मिक अवकाश की जरुरत पड़ गई और वह विद्यालय नहीं आ सकता है तो विद्यालय का प्रधानाध्यापक खुद पर्ची भरकर रखेगा और निरीक्षण के समय आने वाले अधिकारी को दिखाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों को पर्ची दी जा रही हैं और उसी के आधार पर अब अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
न होगी कटिंग न होगा संशोधन
विद्यालय में जमा पर्ची पर न तो कटिंग होने दी जाएगी और न ही संसोधन। बीइओ को पर्ची पर हस्ताक्षर होंगे और एक बार तिथि डाले जाने के बाद बदलाव नहीं हो सकेगा। माना जा रहा है कि इससे अवकाश लेने वाले ने पर्ची अगर भर दी तो उसका अवकाश दर्ज हो जाएगा।
जुगाड़ वालों पर भी क्या कसेगा शिकंजा
व्यवस्था तो अच्छी है और इससे पारदर्शिता रहने की बात कही जा रही है लेकिन इससे क्या जुगाड़ वालों पर भी लगाम लग पाएगी इस पर प्रश्न चिंह लग रहा है। आम शिक्षक शिक्षिका को तो अवकाश लेने के लिए इतने ही पापड़ बेलने होगें लेकिन जिनकी जुगाड़ है उनका क्या होगा। जैसे कि लोगों का कहना है कि जरुरी थोड़ी की पर्ची पर तिथि डाली जाएगी। वहीं जानकारों का कहना है कि कुछ तो बीइओ के ही कृपा पात्र होते हैं। अब उनके पास जमा पर्ची की क्या कमी रहेगी। 14 तो आम शिक्षक के लिए हैं। हस्ताक्षर तो उनके ही होंगे, 14 की संख्या तो कभी पूरी ही नहीं होगी।
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हरदोई, जागरण संवाददाता: विद्यालयों में अवकाश की आड़ में खेल नहीं हो सकेगा। जमा पर्ची के आधार पर शिक्षक शिक्षिकाओं को छुट्टी मिलेगी। अवकाश स्लिप भरकर विद्यालय में रखनी होगी और खंड शिक्षा अधिकारी को संदेश भी भेजना होगा।
आकस्मिक स्थिति में प्रधानाध्यापक पर्ची भरकर रखेंगे और बीइओ को संदेश भेजकर सूचना देंगे। परिषदीय विद्यालयों में चल रहे खेल पर शिकंजा कसने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को साल में 14 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता है। वैसे अवकाश तो 14 ही होते हैं लेकिन इन 14 अवकाशों की आड़ में न जाने कितनी छुट्टियां ले ली जाती हैं और तो और अवकाश लेने के बाद भी कई ऐसे भी मिलते हैं जिनके दिसंबर में अवकाश बच जाते। दरअसल इसके पीछे पूरा खेल होता है। विद्यालयों में अवकाश का प्रार्थना पत्र लिखखर रख दिया जाता है। जिन्हें जरुरत होती है वह अवकाश ले लेते हैं लेकिन जुगाड़ वाले बिना तिथि के इस प्रार्थना पत्र पर न जाने कितने दिन अवकाश लेते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर कोई निरीक्षण करने पहुंच जाता है तो अवकाश दर्ज कर दिया जाता है नहीं तो अगले दिन शिक्षक शिक्षिका के विद्यालय पहुंचने पर प्रार्थना पत्र फाड़कर फेंक दिया जाता और फिर हस्ताक्षर कर दिए जाते। यह आज से नहीं न जाने कब से चलता आ रहा है और जुगाड़ वाले शिक्षक शिक्षिकाएं इसकी दम पर नौकरी ही करते हैं, लेकिन इस खेल पर शिकंजा कसने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है। एडी बेसिक के आदेश पर लागू की जा रही व्यवस्था में अब पर्ची के आधार पर ही अवकाश मिलेगा। नई व्यवस्था के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारियों को आकस्मिक अवकाश की स्लिप दी जा रही हैं। जोकि अपने हस्तारयुक्त हर शिक्षक शिक्षिका को 14-14 स्लिप देंगे। अवकाश की आश्यकता होने पर स्लिप को भरकर विद्यालय में रख दिया जाएगा और फिर बीइओ को एसएमएस भेजकर इसकी जानकारी दे दी जाएगी। निरीक्षण के समय अधिकारी इसी स्लिप को देकेंगे। स्लिप जमा होती रहेगी और साल के अंत में जमा कराई जाएगी जिससे कि अवकाश की सही जानकारी हो जाएगी। लागू की गई व्यवस्था के अनुसार अगर किसी शिक्षक शिक्षिका को आकस्मिक अवकाश की जरुरत पड़ गई और वह विद्यालय नहीं आ सकता है तो विद्यालय का प्रधानाध्यापक खुद पर्ची भरकर रखेगा और निरीक्षण के समय आने वाले अधिकारी को दिखाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों को पर्ची दी जा रही हैं और उसी के आधार पर अब अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
न होगी कटिंग न होगा संशोधन
विद्यालय में जमा पर्ची पर न तो कटिंग होने दी जाएगी और न ही संसोधन। बीइओ को पर्ची पर हस्ताक्षर होंगे और एक बार तिथि डाले जाने के बाद बदलाव नहीं हो सकेगा। माना जा रहा है कि इससे अवकाश लेने वाले ने पर्ची अगर भर दी तो उसका अवकाश दर्ज हो जाएगा।
जुगाड़ वालों पर भी क्या कसेगा शिकंजा
व्यवस्था तो अच्छी है और इससे पारदर्शिता रहने की बात कही जा रही है लेकिन इससे क्या जुगाड़ वालों पर भी लगाम लग पाएगी इस पर प्रश्न चिंह लग रहा है। आम शिक्षक शिक्षिका को तो अवकाश लेने के लिए इतने ही पापड़ बेलने होगें लेकिन जिनकी जुगाड़ है उनका क्या होगा। जैसे कि लोगों का कहना है कि जरुरी थोड़ी की पर्ची पर तिथि डाली जाएगी। वहीं जानकारों का कहना है कि कुछ तो बीइओ के ही कृपा पात्र होते हैं। अब उनके पास जमा पर्ची की क्या कमी रहेगी। 14 तो आम शिक्षक के लिए हैं। हस्ताक्षर तो उनके ही होंगे, 14 की संख्या तो कभी पूरी ही नहीं होगी।
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