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याची के धंधे में क्या क्या हुआ , शिक्षामित्र केस के विषय में क्या कहते हैं हिमांशु राणा

साथियों जैसा कि एक दिन कहा था मैंने आपको कि सच पर से पर्दा उठना ज़रूरी है तो आज आपको बता दूँ कुछ के नाम जो हमारी हाई याचिकाओं पर जॉब पाए हैं और आज हमारे ही विरोध में उतरे हैं (सभी नहीं) , एक हैं अवध के नए नवेले दूल्हे जो कि कभी आपको संघर्ष में न दिखाई दिए होंगे और ना ही कुछ किए थे लेकिन
२५ फ़रवरी के अवसाद के पश्चात इन्हे नेतागीरी का कीड़ा उठा और शिक्षा मित्रों पर चल दिए इनके द्वारा धन उघाई की गई लाखों रुपए की जिसमें हमारे द्वारा जबकि ये हमारे विरोध में थे तब भी मदद की गई और इन्होंने 20000 में अधिवक्ता किए जो कि कोर्ट में जाकर डेट लेते थे और ये बात मैं नहीं आप इनकी याचिका 2728/2015 के आदेश में देखें , आपको बिंदुवार बताता हूँ इन्होंने क्या क्या किया:-
१) शिक्षा मित्रों पर याचिका डाली और जब मैंने और डीपी ने इनसे कहा कि डॉक्युमेंट्स हमारे पास हैं और हम याचिका तैयार कर चुके हैं तो ये महाशय अपने क़ाबिल अधिवक्ता से न मिलाकर अरशद की याचिका की कापी कराकर डाल दिए जिसमें बीएड वालों को हाई अपात्र बता रखा है, इसका प्रमाण आपको इनकी उपरोक्त उल्लेखित याचिका में मिलेगा |
२) ३१ मार्च को मैं और डीपी इनका लखनऊ में वेट करते रहे कि ये हमें याचिका दिखाएँ पर दिखाते क्यूँ क्यूँकि असलियत सामने आ जाती |
३) इनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है इवेंट मैनज्मेंट ये तारीख़ वाले दिन कोर्ट में वकीलों की तरह जाते हैं जबकि इनसे पहले मैं गया और देखा इनके अधिवक्ता पांडेय जी ग़ायब और उनके नुमाइंदे प्रेर करते हैं तारीख़ दे दीजिए |
४) april के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो हमने वही याचिका जो इनके लिए तैयार की थी अपने जीवन का रिस्क लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में डाली {I.A. no 2,3/2015 in WP (c) 167/2015 on shiksha mitras (we get stay on it and direction for HC)} जिस पर नोटिस इशू हुई और स्टे भी मिला लेकिन ये व्यक्ति अपनी ज़रा से लालच के पीछे जो कि आप हर बार देखते हैं अकाउंट चलाने की कोशिश करता है सभी के जीवन से खेल गया |
५) तत्पश्चात चूँकि दुर्भाग्यवश मैं ऐसी याचिका में प्रथम बार याची बना था जिसमें मेरे भाइयों का विरोध था और इस बात को मैंने नेताजी से इलाहाबाद के हॉस्टल में याचिका पढ़ते हुए कही कि ये आपने क्या किया?
तो जवाब था छोटे भाई इज़्ज़त बचा लो किसी को कहना मत, फिर हमने अलग सिरे से नेताजी की याचिका में हाई कोर्ट में ट्रेनिंग चैलेंज करते हुए आईए 309411/2015 Himanshu Rana & oths Vs State Of U.P. & oths डाली जिसमें मैंने शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग को चैलेंज हालंकि पता था कि केस अब मेरिट पर सुना जाएगा तो आईए का कोई मतलब नहीं था लेकिन आगे के लिए यानी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में काम आएगी और उसे आप 1621-22/2016 Himanshu Rana Vs State of U.P. & oths etc (शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग को चैलेंज करने हेतु)
में देख भी सकते हैं |
ख़ैर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई लेकिन इनकी तरफ़ से एक भी पैसा की मदद २५ फ़रवरी के बाद से नहीं दी गई जबकि मीटिंग लगातार हुई लखनऊ में |
७ december २०१५ से पूर्व ये व्यक्ति हिमांशु टीम के गुणगान करता रहा लेकिन ऐसा क्या हुआ कि एकदम से ......................................... फ़िलहाल नेताजी की सच्चाई ये है जिस किसी को सबूत चाहिए हो ले लो आकर |
साथियों मन बहुत ही खिन्न होता है लेकिन लिखने को मजबूर आप करते हैं, 7 december 2015 से पहले कितने नेता थे जो समस्त टेट उत्तीर्ण की नियुक्ति के लिए लड़ रहे थे और कितने लोग सहयोग करते थे, हम तब भी हिसाब देते थे और आज भी आपके बीच आने वाले हैं बहुत जल्द |
मैं ये नहीं कहूँगा कि सभी का ठेका मैंने लिए है लेकिन ये ज़रूर कहूँगा कि केस की दिशा और दशा को न बिगाड़िए, आपने पैसा कमाया आपका है आप रखिए क्यूँकि हिमांशु टीम कहीं नहीं जाएगी इस केस को जीतने तक और महादेव का हाथ है हमारे ऊपर तभी आज मेरे द्वारा कहा गया कथन सार्थक होता दिख रहा है "मानव जब ज़िद पर आता है पत्थर भी पानी बन जाता है |"
इतनी बेबाक़ी से अपनी याचिकाओं के विषय में या किसी भी विषय में कोई लिख सकता है तो सामने आए मैं खुले मंच पर तैयार हूँ, बात रही चयनित/अचयनित की तो आपको बता दूँ मेरी नियुक्ति आपके सहारे है ना मैं 72 में अंदर और न बाहर हूँ, मैं 103 सामान्य लेकर कहाँ हूँ आप स्वयं सोचिए, आपके बहुत से नेता आए और गए यहाँ तक उन्होंने भी 90 तक मेरिट लाने का धंधा किया आपको लूटा लेकिन मेरिट आपके सामने है और वे भी आपके सामने है कि याची बनाने के कार्य में जुट गए |
याची के धंधे में क्या क्या हुआ :-
ख़रीद फ़रोख़्त जो कि सर्वप्रथम केजरीवाल ने पवित्र भूमि बनारस से शुरुआत की
दूसरे को नीचा दिखाकर जो कि आज़मगढ़ से शुरू हुई
जातिवाद को लेकर भड़काया गया जिसकी शुरुआत कानपुर से हुई (जबकि कुछ बुद्धिजीवी सम्भाले वहाँ)
इसके अलावा भी बहुत कुछ है आगे बताऊँगा लेकिन एक निवेदन है मेरे साथ समस्त नेताओं को एक जगह इक्कठा करो ऊपर की शर्तों पर |
आपका भविष्य आपके हाथ , कौन किसके साथ है मुझे नहीं पता लेकिन मैं अपने 2 october 2015 वाले वचन के साथ हूँ और याची चाहे आप कहीं बने लेकिन मैं आपका हूँ आपका रहूँगा , महादेव ना करे कि मेरे पैर मेरे वचन से डिग जाएँ उस स्थिति में मैं भस्म हो जाऊँ बस उतना कहूँगा, बहुत जल्द आपके बीच आने वाला हूँ |
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका कार्यकर्ता
हिमांशु राणा
टीईटी संघर्ष मोर्चा, उत्तरप्रदेश
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