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महकमा ही काट रहा शिक्षकों की जेब: वित्त विभाग कम वेतन पा रहे वरिष्ठ शिक्षकों का भुगतान बराबर कर रहा, प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों को प्रोन्नति के दिन से नहीं मिल रहा लाभ : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की जेब कोई और नहीं उनका महकमा ही काट रहा है। इन स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय से प्रमोशन पाकर या सीधी भर्ती से चयनित होकर नियुक्ति पाने का नियम है, लेकिन लंबे
समय से पढ़ा रहे शिक्षकों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है।
विद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षकों को कम वेतन व सीधी भर्ती वाले शिक्षकों को अधिक वेतन देने का प्रकरण उजागर होने पर वेतन समान करने का फरमान हुआ है, लेकिन यह आदेश अभी अधूरा है। वजह यह है कि वरिष्ठ शिक्षकों को प्रमोशन की तारीख से वह वेतनमान नहीं मिला है जिसके वह हकदार हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात ज्यादातर शिक्षक प्राथमिक स्कूलों से प्रमोशन पाकर पहुंचे हैं। इसी बीच शासन ने विज्ञान-गणित के 29334 शिक्षकों की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सीधी भर्ती की है। यह नियुक्ति होते ही वेतन विसंगति का प्रकरण गहरा गया। असल में सीधी भर्ती के तहत तैनाती पाने वाले शिक्षकों को 17140 रुपये मूल वेतन पर तैनाती दी गई है। उनका वेतन हजारों वरिष्ठ शिक्षकों से अधिक है। इसकी वजह यह है कि वरिष्ठ शिक्षकों को भी 17140 मूल वेतन के तहत प्रमोशन पर एक इंक्रीमेंट का तो लाभ दिया गया, लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं दिया गया। इससे नए और पुराने शिक्षकों के बीच वेतन का फासला बढ़ा। यह प्रकरण तूल पकड़ने व वरिष्ठ शिक्षकों के नाराजगी जताने पर परिषद के वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह वेतन विसंगति को शासनादेश के अनुरूप दूर करें। इसी का अनुपालन अब उच्च प्राथमिक स्कूलों में होना है। इससे उन शिक्षकों को कुछ लाभ मिलेगा जिनका वेतन सीधी भर्ती वाले शिक्षकों से कम है। वहीं वे शिक्षक अब भी हाशिए पर रहेंगे जिन्हें कई साल पहले प्रमोशन मिला, लेकिन सीधी भर्ती का मूल वेतन अब तक लागू नहीं हो पाया है। उन्हें केवल इंक्रीमेंट दिया गया है। इसमें दिसंबर व जुलाई 2009 में प्रमोशन पाने वालों को 17030, अगस्त 2010 में 16540 एवं जुलाई 2011 में प्रमोशन पाने वालों को 16070 रुपये मूल वेतन मिल रहा है। मांग है कि प्रमोशन की तिथि से सीधी भर्ती का लाभ दिया जाए।
यह है नियम
किसी संवर्ग के किसी पद पर सीधी भर्ती की भी व्यवस्था है और सीधी भर्ती से आने वाले कर्मचारी का वेतन उससे वरिष्ठ कर्मचारी से अधिक निर्धारित होता है तो उस स्थिति में वरिष्ठ कर्मचारी का वेतन कनिष्ठ के बराबर किया जा सकता है, किंतु यदि संवर्ग में सीधी भर्ती की व्यवस्था नहीं है तो संबंधित कर्मचारी का वेतन सीधी भर्ती के निर्धारित वेतन के बराबर तय किए जाने की व्यवस्था नहीं है।
हाईकोर्ट पहुंचे शिक्षक
उच्च प्राथमिक स्कूलों में वेतन विसंगति को लेकर शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को निर्देश दिया है कि वह इसे दूर करके न्यायालय को अवगत कराएं। उधर, परिषद के वित्त नियंत्रक अजरुन सिंह ने इस मामले में सम्मिलित वरिष्ठता सूची बनाकर विसंगति दूर करने का निर्देश दिया है।
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