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तेज प्रताप जी से फोन पर ही हुई वार्ता , ज्ञापन/प्रार्थना सम्बंधित अधिकारीयों तक पहुँचाने का दिया आस्वासन

तेज प्रताप जी की व्यस्तता के कारण मुलाकात सम्भव ना हो सकी और फोन पर ही वार्ता हुई।
इसके बाद हमने अपना ज्ञापन/प्रार्थना पत्र उनको मेल कर दिया है जिसको उन्होंने सम्बंधित अधिकारीयों तक पहुँचाने का आस्वासन दिया है।

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सेवा में,
निदेशक
एस सी ई आर टी
निशातगंज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश
विषय : माननीय सर्वोच्य न्यायालय में योजित याचिका संख्या CA4347-4375/2014 में हुए अंतरिम आदेश दिनाँक 07दिसम्बर2015 , 24फरबरी2016 तथा 24अगस्त2016 के अनुपालन के सम्बन्ध में।
महोदय,
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में 72,825 पदों पर "प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011" प्रक्रिया माननीय सर्वोच्य न्यायालय के आदेशों के अधीन गतिमान है। इसी क्रम में माननीय सर्वोच्य न्यायालय में योजित याचिका संख्या CA4347-4375/2014 में 07/12/15, 24/02/16 व 24/08/16 में पारित हुए अंतरिम आदेशों के अनुपालन के सम्बन्ध में।
=> 7दिसम्बर 2015 के आदेश का महत्वपूर्ण भाग...
It is submitted by Ms. K. Sharda Devi, learned counsel that the names of the appointees have not yet been put on the website. Mr. Vijay Bahadur Singh, learned Advocate General for the State of U.P. and Mr. Gaurav Bhatia, learned AAG undertake that the same shall be put on the website within a week hence.
At this juncture, we may state that Mr. Bhatia, learned AAG submitted that in pursuance of the direction of this Court on the earlier occasion and prior to that more than 75,000 representations were received and after scanning the same, the State Government has found 12,091 persons eligible for being appointed subject to verification of antecedents. Let the said persons be appointed subject to the said verification within six weeks hence.
At this juncture, Mr. Rakesh Dwivedi, learned senior counsel, Mr. Neeraj Jain, Mr. Siddharth Dave, Mr. Sanjay Hegde, Mr. Vikas Singh, Mr. Anand Nandan, Mr. Arvind Srivastava, Mr. Ajay Jain, Ms. Rachana Shrivastava, Mr. Avnish Singh, Mr. D.K. Tiwary, Mr. Rajiv Dubey, Ms. S. Janani, Mr. Ashok Kuamr Sharma and Mr. Manoj Prasad learned counsel submit that they represent approximately 1100 people and some arrangement should be made for them. On being asked, Mr. Vijay Bahadur Singh, learned Advocate General submitted that the State has no objection to offer them appointment on ad hoc basis subject to result of the special leave petitions. Let that be done within four weeks hence. Needless to say, no right shall accrue in their favour because of this order.
=> 24फरबरी2016 के आदेश का महत्वपूर्ण भाग...
In these interlocutory applications, the grievances which has been canvassed is issue that though they stand on the similar footing with the applicants which have been granted the benefit by the previous order dated 07.12.2015, the State has not considered their cases.
Let copies of the interlocutory applications be served on Mr. Gaurav Bhatia within a week hence. It is directed that the State shall consider the applicants in the said interlocutory applications or the names that find place in the said interlocutory applications on the parameters which were fixed on the last occasion. The said exercise shall be completed within ten weeks hence.
The competent authority of the State Government shall consider their cases individually on the parameters of the last order and submit a report. The report shall indicate the marks obtained by each of the candidates and also shall indicate how many persons would be eligible to be appointed on ad hoc basis.
=> 24अगस्त 2016 के आदेश का महत्वपूर्ण भाग...
This Court on 7.12.2015 and 24.2.2016 had passed certain interim orders. Learned counsel for the petitioners, who are the beneficiaries of the said orders, have raised the grievance that the orders passed by this Court have not yet been complied with by the State.
Mr. Dinesh Dwivedi, learned senior counsel shall file an affidavit of the competent authority, preferably the Secretary of the Department concerned, how they are going to comply with them or is there any real difficulty in complying with them. Be it clarified, the stand of the State shall be addressed only at the time of final hearing.
Be it stated, in course of hearing we have found that a series of Interlocutory Applications seeking similar reliefs have been filed. Some of the learned counsel appearing for the parties submitted that regard being had to the earlier orders, especially order dated 24.02.2016, the matter shall be heard on merits.
उपरोक्त सभी आदेश संविधान के अनुच्छेद 21(अ) के तहत प्रदत्त निःशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा के मौलिक अधिकार एवम् प्रार्थियों के जीवन-रोजगार से सम्बंधित है अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि निन्म लिखित बिन्दुओं/मांगों पर यथाशीघ्र विचार करें।
=> माननीय सर्वोच्य न्यायालय के 07/12/2015 के आदेश के अनुपालन के अनुक्रम में....
•अभी तक चयनित समस्त अभ्यर्थियों का डाटा ऑनलाइन किया जाये।
•आदेश के अनुसार 1100 याची अभ्यर्थियों में नियुक्ति से वंचित सभी याचियों को तत्काल नियुक्ति प्रदान की जाये।
•12091 सूचि में स्थान प्राप्त किये अभ्यर्थियों का नियुक्ति प्रदान की जाये।
=> माननीय सर्वोच्य न्यायालय के 24/02/2016 के आदेश के अनुपालन के अनुक्रम में...
•समस्त याचियों की सूची तैयार की जाये।
•याचियों की सूचि में मानक पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को एडहॉक आधार पर नियुक्ति प्रदान करने हेतु चिन्हित किया जाये।
•याचियों की लिस्ट को विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाये।
=> माननीय सर्वोच्य न्यायालय के 24/08/2016 के आदेश के अनुपालन के अनुक्रम में...
•उपरोक्त दोनों आदेशों का यथाशीघ्र अनुपालन हों।
•RTE एक्ट 2009 तथा माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन हेतु समस्त याचियों की नियुक्ति हेतु शासनादेश जारी करें।
•प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु योग्यता को वरीयता प्रदान करें।
हमें आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप ना सिर्फ निम्न बिन्दुओं/मांगो पर विचार करेंगे बल्कि हमारे जीवन-रोजगार-भविष्य व् बाल शिक्षा का ध्यान रखते हुए यथाशीघ्र अनुपालन कर हमें कृतार्थ करेंगे।
प्रतिलिपि
1. महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
2. माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
3. माननीय शिक्षामंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
4. माननीय निदेशक, बेसिक शिक्षा, लखनऊ
5. माननीय सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
दिनाँक : 21/09/16
प्रार्थी :
मयंक तिवारी
प्रवीण श्रीवास्तव
विपिन यादव
विनोद सोनी
अमित कपिल
नवीन श्रीवास्तव
शशांक सिंह सोलंकी
टीटू भदौरिया
सिफ़त मियाँ
शैलेश उपाध्याय
नीलेश शुक्ला
शैलेन्द्र कुमार सिंह
मुर्तज़ा अली
शिवेशनाथ मिश्रा
आनंद सिंह
अमित कुमार
सुनील यादव
प्रवीण सक्सेना
ऋषि मिश्रा
नौसाद अहमद
तरुण चौहान
मयंक चतुर्वेदी
संजय वर्मा
व् सुप्रीम कोर्ट के समस्त याची अभ्यर्थी
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इसके अतिरिक्त अगली सुनवाई की तैयारी हेतु हमारी टीम से विनोद सोनी जी झाँसी से व् नीलेश शुक्ला जी जौनपुर से कल ही दिल्ली निकल गए थे। प्रवीण श्रीवास्तव जी स्वास्थ्य ठीक ना हो पाने के कारण नही जा सके।
साथियों हमारी पूरी टीम अपनी शक्ति-सामर्थ्य व् पुरे आत्मविश्वास के साथ सभी दिशाओं में अपना प्रयास कर रही है। शेष परिणाम आज नही तो कल निश्चित रूप से सकारात्मक व् सुखद होगें हमें ऐसी उम्मीद भी है।
"कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं"
आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
नोट :- लखनऊ के साथी उपरोक्त ज्ञापन को एस सी ई आर टी में तथा इलाहाबाद के साथी सचिव के नामित कर निदेशालय में रिसीव करा दें।धन्यबाद
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