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निकट भविष्य में 22/02/2017 की सुनवाई बहुत ही भीषण होगी : Mission 72825

नमस्कार प्यारे याची साथियों कल के एतिहासिक धरने में शामिल हुआ और एक नये आत्मविश्वास की अनुभूति अपने अन्दर समेट कर पुनः दृढ संकल्पित हुआ।
अभी फिलहाल कोई टिप्पणी करने से परहेज करूँगा क्योंकि आज शासन स्तर पर कहाँ तक वार्ता सफल सिद्ध होगी, ये अभी भविष्य के गर्त में है।
साथियों जहाँ तक मेरा मानना है कि घर में पङे रहने से अच्छा है कि अपनी अात्मग्लानि अपने अन्दर की शक्तियों को, अपने अन्तःकरण के विचार मंथन को मजबूती के साथ बाहर जमीनी धरातल पर निकालने के लिए आन्दोलन बहुत ही सटीक हथियार है, मंच है। लोग किसी भी आन्दोलन की सफलता असफलता पर कुछ भी टीका टिप्पणी करें परन्तु हर आन्दोलन सकारात्मकता की दिशा में कुछ न कुछ देकर जाता है और यह अहसास दिलाता है कि अभी हमारे व हमारे साथियों की रगो में लहू नही जमा है और हम जिन्दा है।

प्यारे याची साथियों कल आपने अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए फिर से अपने निरंतर दोहराये जाने वाले इतिहास को रचित कर दिया है और मुझे विश्वास है कि आपके द्वारा किया जाने वाला अदम्य साहस प्रचंड प्रयास आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचा कर रखेगा। आत्मानूभूति अन्दर से हो रही है कि आपका किया गया महान कर्म विफल नही होगा। आपकी नियुक्ति किसी भी आधार पर बने परन्तु इतना तय है कि आपके प्राचीन साथी जो शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, जो नियुक्ति का आनन्द लें और आप वंचित रहें तो मित्रों ऐसा कदापि नहीं हो सकता है। सर्वोच्च न्यायालय में आप भी विचाराधीन हैं परन्तु ध्यान रखने वाली बात यह है कि निकट भविष्य में 22/02/2017 की सुनवाई बहुत ही भीषण होगी तथा बहुत से विभीषण इस विवाद को संवैधानिक बेंच तक ले जाने में भी कतई संकोच नहीं करेगें क्योंकि आप हम आज भी नियुक्ति व वेतन जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। यदि तारीख मिलती है या विवाद का स्थानान्तरण हो गया तो सबसे भारी क्षति आम याचियों को भुगतनी पङेगी क्योंकि इसका अहम कारण भीषण बेरोजगारी है, जिसमे आप हम सभी त्रस्त हैं।

मेरा मानना है कि जिस प्रकार से आप लोगों ने कल के आंदोलन को स्वयं अपने कन्धो पर धारण करके सफलता पूर्वक निर्वाहन सम्पादन किये हैं तथा उसी प्रकार बढ़ चढ़कर 22/02/2017 की सुनवाई दिल्ली जाकर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने करवाने के लिए तत्पर होकर अभी से कमर कस लें कि आपको दिल्ली जाकर स्वयं अपना झंडा बुलंद करना होगा, तब जाकर दूसरो पर आश्रित रहने की प्रवृत्ति का आपके मन से विनाश होगा और आप निश्चित ही अपने लक्ष्य को हांसिल कर सकेगें।
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