वित्तविहीन शिक्षकों की उम्मीद हुई पूरी, मिला मानदेय

प्रतापगढ़ : लगभग दो दशक से मानदेय की मांग कर रहे वित्तविहीन शिक्षकों की उम्मीद इस साल पूरी हो गई और अधिकांश के खाते में छह महीने के मानदेय की किश्त पहुंच गई हैं।
प्रधानाचार्य को हर साल 13090 रुपये, प्रवक्ता को 10890 रुपये व सहायक अध्यापक को 9790 रुपये दिए जाने हैं।
जिले में 497 वित्तविहीन हाईस्कूल व इंटर कालेज संचालित हैं। इसमें लगभग आठ हजार से अधिक शिक्षक तैनात हैं। यह शिक्षक पिछले दो दशक से प्रदेश सरकार से मानदेय देने की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक में कई बार धरना प्रदर्शन किया गया। आखिरकार सपा सरकार ने उनकी मांग मान ली। मुख्यमंत्री ने मानदेय देने की घोषणा करते हुए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया। गाइड लाइन जारी न होने के कारण मानदेय लंबे समय तक लटका रह गया।

दोबारा धरना प्रदर्शन करने शुरू किया गया तो सितंबर में गाइडलाइन जारी हो गई। इसके तहत उन स्कूलों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों को मानदेय दिया जाना था, जो वर्ष 2012 की बोर्ड की परीक्षा में शामिल रहे हो। इस मानक पर 270 कालेज के लगभग साढ़े तीन हजार शिक्षक ही बचे। अब तक लगभग दो हजार शिक्षकों के खाते में छह महीने का मानदेय भेज दिया गया हैं। इस महीने के आखिर तक बाकी बचे शिक्षकों के खाते में मानदेय पहुंचने की बात कही जा रही हैं।
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