लखनऊ. योगी आए
और खुशियां लाए.... यह अल्फाज हैं यूपी के प्राथमिक विद्यालयों के तमाम
शिक्षकों के, जिन्हें प्रदेश की नई बेसिक शिक्षा तबादला नीति की भनक लग
चुकी है। खबर तेजी के साथ वायरल हो रही है। योगी सरकार ने तय किया है कि
प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई का स्तर सुधारने के लिए जरूरी है कि
शिक्षकों की समस्या भी सुलझाई जाएं।
- 26 अप्रैल : उत्तरप्रदेश शिक्षक भर्ती केस , समाजवादी भर्तियों का अंत , योग्यता बनाम अयोग्यता
- त्रिपुरा के कारण दोनों जज पूरे मामले और नियम से वाकिफ , 839 कि नौकरी शिक्षा मित्र के बाहर होने पर ही , 26 एप्रिल केस करेगे फाइनल
- 26 को शिक्षा मित्रों का जाना 100% तय , फैसला 20 मई के बाद किसी भी दिन
- अकेडमिक भर्ती वाले 72825 और शिक्षामित्रों से सीखें अन्यथा कोर्ट में कुछ भी हो सकता है
- 26 अप्रैल को 4347/2014 की मेरिट पर बहस , हियरिंग के लिए कुल 3 याचिकाकर्ता
मियां-बीवी को अगल-बगल के स्कूल मिलेंगे
प्रदेश
के 1.58 लाख प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में तैनात 5 लाख 85 हजार 232
शिक्षकों को जल्द ही मनचाहा स्कूल मिलना मुमकिन होगा, बशर्ते मनचाहे स्कूल
में पद रिक्त होना चाहिए। एक से अधिक दावेदार होने पर शिक्षकों का रिकार्ड
देखकर तैनाती के लिए वरीयता तय होगी। यानी जिस शिक्षक का तय वक्त में
पाठ्यक्रम पूरा होगा और क्लास की सालाना रिजल्ट बेहतर होगा, उसे ही अमुक
विद्यालय में तैनाती मिलेगी। नई तबादला नीति के ड्राफ्ट के मुताबिक
पति-पत्नी को एक ही स्कूल में तैनात नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें अगल-बगल
के स्कूलों में तैनाती मिलेगी। नई तबादला नीति में दिव्यांगों और उम्रदराज
शिक्षकों-शिक्षिकाओं को वरीयता के आधार पर मनचाहे स्कूलों में तैनाती देने
का प्रावधान है।
महिलाओं को होगा सबसे ज्यादा फायदा
इस
तबादला नीति में ऐसी तमाम महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जोकि अपने
गृह जनपद से काफी दूर तैनात हैं। पति और बच्चों की जिम्मेदारी के कारण ऐसी
तमाम महिलाओं को रोजाना 100-150 किमी यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही अक्सर
अवकाश लेना पड़ता है, जिसके कारण स्कूलों की पढ़ाई पर खराब असर पड़ता है।
ऐसी महिला शिक्षकों को अब जल्द ही अपने घर के करीब स्कूल में तैनाती का
मौका मिलेगा।
बच्चे पढऩे में कमजोर तो मुराद नहीं होगी पूरी
नई
तबादला नीति में स्पष्ट है कि जिस स्कूल के बच्चों की पढ़ाई का स्तर ठीक
नहीं होगा, वहां के शिक्षकों के तबादला आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
यहां यह गौर करने वाली बात है कि ऐसा स्कूल शहरी क्षेत्र या शहरी क्षेत्र
के करीब होगा तो ऐसे स्कूल से शिक्षकों को बगैर पूछे दूर-दराज के स्कूलों
में भेज दिया जाएगा। तबादलों के आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे और मई के अंत तक
रिक्त पदों वाले स्कूलों की सूची को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया
जाएगा।
मई-जून में नहीं होंगे तबादले, बीच सत्र में बदलेगा स्कूल
नई
तबादला नीति पर अमल होने में वक्त लगेगा। ऐसे में तय है कि मई-जून में
प्राथमिक शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे, अलबत्ता पढ़ाई-लिखाई के आधार पर
स्कूलों की ग्रेडिंग करने के बाद बीच सत्र में तबादले किए जाएंगे। तबादलों
की प्रक्रिया को 15 दिन में पूरी करने की कोशिश होगी। यूं तो अखिलेश सरकार
भी पिछले बरस प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए तबादला नीति लाई थी,
लेकिन काफी देर होने के कारण शिक्षकों को लाभ नहीं मिल पाया था।
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