योगी सरकार ने मंगलवार को छह बड़े फैसले किए। लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पांचवीं कैबिनेट बैठक में नई तबादला नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब एक जिले में तीन वर्ष से ज्यादा अफसर नहीं रह सकेंगे।
एनेक्सी के मीडिया सेंटर में सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सरकार की मंशा जाहिर की। ई-टेंडरिंग को खास पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में ‘क्रोनी कैप्टलिज्म’ चला था, जिसका अब अंत हो गया है। इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि पालिटीशियन, ब्यूरोक्रेट और बिजनेस हाउस का गठजोड़ समाप्त हो गया है।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की तबादला नीति 2017-18 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत व्यवस्था दी गई है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मंडल एवं जिला स्तर के सभी स्थानांतरण 30 जून, 2017 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। समूह क और ख के ऐसे अधिकारियों के तबादले किए जा सकेंगे जो जिले में तीन वर्ष एवं मंडल में सात वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। समूह ख का तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। दिव्यांगजन प्रभावित नहीं होंगे। समूह ख के ऊपर के अधिकारियों का तबादला शासन से होगा। दो वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग और घ के कर्मचारी को अपने गृह जिले तथा समूह क और ख के अधिकारियों को गृह जिला छोड़कर इच्छित जिले में तैनाती का मौका मिलेगा। खन्ना ने बताया कि तबादले की अंतिम तारीख 30 जून होगी। समूह ग के कर्मियों का हर तीन वर्ष पर पटल परिवर्तन होगा। तबादले के अवधि के निर्धारण के लिए 31 मार्च, 2017 कट आफ डेट निर्धारित की गई है। विभागीय आवश्यकता की दृष्टि से नीति में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर विचलन किए जाने का प्रावधान है। संबंधित पेज11।’>>पांचवीं कैबिनेट बैठक में योगी सरकार के छह बड़े फैसले1’>>ठेके -पट्टे के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को ई-टेंडरिंगलखनऊ में लोकभवन में कैबिनेट की बैठक के बाद बाहर आते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ।लखनऊ : घटतौली पकड़े जाने से बेचैन पेट्रोल पंप संचालकों की हड़ताल की घुड़की में आए बगैर सरकार ने उन्हें दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में वह समझौता नहीं करने वाली तथा दबाव में भी नहीं आने वाली है। घटतौली के खिलाफ अभियान को लेकर सरकार ने प्रदेश के सभी 6600 पंपों की जांच कराने का निर्देश दिया है।
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एनेक्सी के मीडिया सेंटर में सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सरकार की मंशा जाहिर की। ई-टेंडरिंग को खास पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में ‘क्रोनी कैप्टलिज्म’ चला था, जिसका अब अंत हो गया है। इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि पालिटीशियन, ब्यूरोक्रेट और बिजनेस हाउस का गठजोड़ समाप्त हो गया है।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की तबादला नीति 2017-18 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत व्यवस्था दी गई है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मंडल एवं जिला स्तर के सभी स्थानांतरण 30 जून, 2017 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। समूह क और ख के ऐसे अधिकारियों के तबादले किए जा सकेंगे जो जिले में तीन वर्ष एवं मंडल में सात वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। समूह ख का तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। दिव्यांगजन प्रभावित नहीं होंगे। समूह ख के ऊपर के अधिकारियों का तबादला शासन से होगा। दो वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग और घ के कर्मचारी को अपने गृह जिले तथा समूह क और ख के अधिकारियों को गृह जिला छोड़कर इच्छित जिले में तैनाती का मौका मिलेगा। खन्ना ने बताया कि तबादले की अंतिम तारीख 30 जून होगी। समूह ग के कर्मियों का हर तीन वर्ष पर पटल परिवर्तन होगा। तबादले के अवधि के निर्धारण के लिए 31 मार्च, 2017 कट आफ डेट निर्धारित की गई है। विभागीय आवश्यकता की दृष्टि से नीति में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर विचलन किए जाने का प्रावधान है। संबंधित पेज11।’>>पांचवीं कैबिनेट बैठक में योगी सरकार के छह बड़े फैसले1’>>ठेके -पट्टे के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को ई-टेंडरिंगलखनऊ में लोकभवन में कैबिनेट की बैठक के बाद बाहर आते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ।लखनऊ : घटतौली पकड़े जाने से बेचैन पेट्रोल पंप संचालकों की हड़ताल की घुड़की में आए बगैर सरकार ने उन्हें दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में वह समझौता नहीं करने वाली तथा दबाव में भी नहीं आने वाली है। घटतौली के खिलाफ अभियान को लेकर सरकार ने प्रदेश के सभी 6600 पंपों की जांच कराने का निर्देश दिया है।
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