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भर्तियों में गड़बड़ी करने वालों पर होगा केस: विभागीय अधिकारियों तक सीबीआइ का कसेगा शिकंजा, एफआइआर में नामजदगी की संभावना, हो सकती है कार्रवाई

पीसीएस और लोअर सबऑर्डिनेट समेत अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सैकड़ों लोगों के गलत चयन में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले उप्र लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष, उनके सिपहसालारों पर सीबीआइ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
अब तक हुई पूछताछ, तमाम अभिलेखों से मिले साक्ष्य व नियमावली के विपरीत बने प्रस्तावों के रिकार्ड जब्त कर चुके सीबीआइ अफसर जल्द ही कई एफआइआर कराएंगे। इस बार एफआइआर में नामजदगी भी हो सकती है। सीबीआइ अफसरों ने दिल्ली मुख्यालय में ही इसका मजमून तैयार करना शुरू कर दिया है।1पांच साल के दौरान यूपीपीएससी से हुई साढ़े पांच सौ से अधिक भर्तियों में अनियमितता की जांच सीबीआइ ने सात महीने पहले शुरू की थी। पीसीएस परीक्षा 2015 में गलत चयन के तमाम पुख्ता साक्ष्य जुटा चुके जांच अधिकारियों ने यूपीपीएससी के कंप्यूटर से लिए गए डाटा की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी मंगा ली है, जबकि अगस्त में अब तक संदिग्ध चयनितों व यूपीपीएससी के उन विभागीय अधिकारियों को बुलाकर अभिलेखों के आधार पर पूछताछ की है जिन पर गलत चयन में सीधी भूमिका होने का संदेह है। सूत्र बताते हैं कि यूपीपीएससी में कार्यरत कई विभागीय अधिकारियों व सेक्शन प्रभारियों ने दिल्ली में सीबीआइ अफसरों के समक्ष सवालों में उलझकर खामियों को भी स्वीकारा और कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई, निर्देश किसी और का था। कई अधिकारियों के झूठ भी पकड़ में आए। इस पूछताछ में स्केलिंग व मॉडरेशन में गड़बड़ी, साक्षात्कार में अभ्यर्थियों को मिले अंकों व एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को लाभ देने के लिए बने मनमाने नियम के राज खुले।1गौरतलब है कि सीबीआइ ने भर्तियों में गड़बड़ी के साक्ष्य मिलने पर पांच मई को भी एफआइआर दर्ज की थी लेकिन, इसमें किसी को नामजद नहीं किया था। इसके पीछे भी सीबीआइ अफसरों ने कई बड़ों पर शिकंजा कसने की योजना बनाई थी, एक साथ कई एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी में यूपीपीएससी के पूर्व अधिकारियों और सदस्यों के अलावा दो विभाग में सेक्शन प्रभारियों को सीधे आरोपित कर बड़ी कार्रवाई की योजना है।

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