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बेचे जा रहे हैं टीईटी पास कराकर सरकारी नौकरी दिलाने के सपने

संवादसूत्र, बकेवर : परिषदीय विद्यालयों में होने वाली शिक्षक भर्ती में भले ही देर हो लेकिन लखना व बकेवर कस्बे में संचालित को¨चगों पर टीईटी पास कराकर सरकारी नौकरी दिलाने के सपने बेचे जा रहे हैं।
इन सेंटरों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी टीईटी परीक्षा पास होकर अध्यापक बनें या न बनें लेकिन उन्हें पास कराने का सब्जबाग दिखाकर को¨चग सेंटर संचालक मालामाल हो रहे हैं। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए टीईटी पास होना जरूरी है। ऐसे में अगर कोई परीक्षा को पास कराने का दावा करने लगे तो उसकी तरफ आकृष्ट होना लाजिमी है। अभ्यर्थियों की इसी कमजोरी का फायदा को¨चग सेंटर उठा रहे हैं। लखना बकेवर के प्रमुख तिराहे चौराहों से लेकर गली कूचे तक को¨चग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश को¨चग संचालक पांच और छह माह की को¨चग में टीईटी पास कराने की गारंटी का बैनर पोस्टर भी लगा रखे हैं। कस्बों में इस तरह की कितने को¨चग सेंटर संचालित हैं, इसका रिकार्ड डीआइओएस कार्यालय में नहीं है। लखना, बकेवर, महेवा, अहेरीपुर कस्बों में करीब दो दर्जन को¨चग सेंटर संचालित हैं। ये तीन शिफ्ट में संचालित किए जा रहे हैं। अपराह्न तीन बजे के बाद को¨चग पढ़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होती है। अधिकांश को¨चग किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। अभ्यर्थियों से तीन से पांच हजार रुपये शुल्क लिया जा रहा है। निजी स्कूलों के शिक्षक भी हैं को¨चग में छात्र

टीईटी पास करने की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों में शिक्षामित्र के साथ निजी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं। ये सब स्कूल की छुट्टी के बाद को¨चग करते हैं। इनकी संख्या एक सैकड़ा से अधिक बताई जाती है। चलेगा अभियान

जिला विद्यालय निरीक्षक राजू ¨सह ने बताया कि अपंजीकृत को¨चग सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। बिना पंजीकरण के संचालित को¨चग के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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