सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि के लिए नई शर्तों से कर्मचारी नाराज हैं, लेकिन उन्हें एक विसंगति से राहत भी मिल गई है। अब कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा।
इंक्रीमेंट की प्रक्रिया कुछ ऐसी होगी कि कर्मचारी को साल भर में ही वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाएगा, जबकि छठवें वेतन आयोग में विसंगति के कारण तमाम कर्मचारियों को डेढ़ साल तक पहली वेतन वृद्धि का इंतजार करना पड़ता था।
सातवें वेतन आयोग में सरकार ने वेतन वृद्धि के लिए दो तिथियां निर्धारित की हैं। उदाहरण के तौर पर ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जुलाई 2016 और एक जनवरी 2017 के बीच की अवधि में नियुक्ति पदक्रम या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति दी गई है, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2017 को देय होगी और इसके बाद से यह वेतनवृद्धि एक साल के बाद वार्षिक आधार पर देय होगी।
इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जनवरी 2016 और एक जुलाई 2016 के बीच की अवधि में नियुक्ति या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के अधीन प्रोन्नति दी गई हो, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जनवरी 2017 को देय होगी और इसके बाद से यह वेतनवृद्धि एक वर्ष बाद वार्षिक आधार पर देय होगी। दूसरी ओर ऐसे कर्मचारी जिन्हें संशोधित वेतन संरचना में वेतन एक जनवरी 2016 को निर्धारित किया गया है, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2016 को प्राप्त होगी, लेकिन एक जुलाई 2016 को वेतनवृद्धि प्राप्त करने के बाद अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2017 को मिलेगी।
इसके विपरीत छठवें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि की तिथि सबके लिए सामान्य रूप से पहली जुलाई थी। ऐसे में किसी कर्मचारी को अगर दो जनवरी से 31 जून के बीच नियुक्ति पदक्रम या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति दी गई है तो जुलाई तक छह माह पूरा न होने के कारण कर्मचारी को अगली वेतन वृद्धि के लिए डेढ़ साल का इंतजार करना होता था।
उदाहरण के तौर पर किसी कर्मचारी की नियुक्ति दो जनवरी 2015 को हुई या उस तिथि पर संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति मिली तो जुलाई 2015 तक छह का समय पूरा न होने पर उसे जुलाई 2017 में अगली वेतनवृद्धि मिली, लेकिन अब इस विसंगति को दूर कर दिया गया है। आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन के पूर्व सहायक महासचिव हरिशंकर तिवारी का कहना है कि सातवें वेतन आयोग के तहत वेतनवृद्धि के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है, उससे कर्मचारियों को समय से इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकेगा।
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इंक्रीमेंट की प्रक्रिया कुछ ऐसी होगी कि कर्मचारी को साल भर में ही वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाएगा, जबकि छठवें वेतन आयोग में विसंगति के कारण तमाम कर्मचारियों को डेढ़ साल तक पहली वेतन वृद्धि का इंतजार करना पड़ता था।
सातवें वेतन आयोग में सरकार ने वेतन वृद्धि के लिए दो तिथियां निर्धारित की हैं। उदाहरण के तौर पर ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जुलाई 2016 और एक जनवरी 2017 के बीच की अवधि में नियुक्ति पदक्रम या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति दी गई है, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2017 को देय होगी और इसके बाद से यह वेतनवृद्धि एक साल के बाद वार्षिक आधार पर देय होगी।
इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जनवरी 2016 और एक जुलाई 2016 के बीच की अवधि में नियुक्ति या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के अधीन प्रोन्नति दी गई हो, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जनवरी 2017 को देय होगी और इसके बाद से यह वेतनवृद्धि एक वर्ष बाद वार्षिक आधार पर देय होगी। दूसरी ओर ऐसे कर्मचारी जिन्हें संशोधित वेतन संरचना में वेतन एक जनवरी 2016 को निर्धारित किया गया है, उन्हें अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2016 को प्राप्त होगी, लेकिन एक जुलाई 2016 को वेतनवृद्धि प्राप्त करने के बाद अगली वेतनवृद्धि एक जुलाई 2017 को मिलेगी।
इसके विपरीत छठवें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि की तिथि सबके लिए सामान्य रूप से पहली जुलाई थी। ऐसे में किसी कर्मचारी को अगर दो जनवरी से 31 जून के बीच नियुक्ति पदक्रम या सामान्य पदक्रम में अथवा संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति दी गई है तो जुलाई तक छह माह पूरा न होने के कारण कर्मचारी को अगली वेतन वृद्धि के लिए डेढ़ साल का इंतजार करना होता था।
उदाहरण के तौर पर किसी कर्मचारी की नियुक्ति दो जनवरी 2015 को हुई या उस तिथि पर संशोधित सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन योजना के तहत प्रोन्नति मिली तो जुलाई 2015 तक छह का समय पूरा न होने पर उसे जुलाई 2017 में अगली वेतनवृद्धि मिली, लेकिन अब इस विसंगति को दूर कर दिया गया है। आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन के पूर्व सहायक महासचिव हरिशंकर तिवारी का कहना है कि सातवें वेतन आयोग के तहत वेतनवृद्धि के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है, उससे कर्मचारियों को समय से इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकेगा।
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