राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अंतर जिला तबादले की राह देख रहे शिक्षकों को अभी कुछ और इंतजार करना होगा। शासन ने भले ही आदेश जारी करने की मियाद तय की है, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी से तबादला सूची जारी होने में अभी वक्त लगेगा।
उम्मीद है कि 30 जुलाई तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाए। परिषद मुख्यालय को अब भी कई जिलों से सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। साथ ही हर जिले से तबादला चाहने वाले एवं वहां दूसरे जिलों से आने वाले शिक्षकों की संख्या पर परिषद मुख्यालय निगाह लगाए है, ताकि तबादला प्रक्रिया से जिलों में शिक्षकों का आकड़ा गड़बड़ा न जाए। इसीलिए बड़ी संख्या में तबादले निरस्त हो जाने के भी आसार हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को तीन वर्ष इंतजार के बाद अंतर जिला तबादले का मौका मिला है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, उसमें प्रदेश भर से 23 हजार 700 आवेदन हुए हैं। इसके बाद जिलों में काउंसिलिंग कराई गई। उसकी रिपोर्ट 19 जुलाई तक परिषद मुख्यालय भेजी जानी थी, लेकिन अब सभी जिलों से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। शासन ने पहले 15 जुलाई तक बाद में 25 जुलाई तक तबादला सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन तय समयावधि में यह प्रक्रिया पूरी हो पाने के आसार नहीं है, क्योंकि बेसिक शिक्षा अधिकारी इसमें हीलाहवाली कर रहे हैं। सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद परिषद मुख्यालय पर सूची फाइनल करने में भी वक्त लगेगा। इसकी वजह यह है कि प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने दूसरे जिलों में जाने के लिए आवेदन किया है, वहीं कुछ ऐसे भी जिले हैं जहां के शिक्षकों ने उत्साह नहीं दिखाया है। ऐसे में परिषद मुख्यालय हर जिले में शिक्षकों की संख्या दुरुस्त रखने पर ही माथापच्ची कर रहा है। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में शिक्षकों के आवेदन अंतिम चरण में निरस्त हो जाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि तमाम शिक्षकों ने उन जिलों के लिए आवेदन किया है, जहां पहले से शिक्षक अधिक हैं खास बात यह है कि कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने पांच जिलों के विकल्प में एक ही जनपद का नाम पांच बार लिख दिया है। यदि वहां जगह नहीं होगी तो आवेदन निरस्त होने से सिवा दूसरा रास्ता नहीं है। इसके अलावा यदि किसी जिले से अधिक शिक्षकों ने गैर जिले में जाने के लिए आवेदन किया है और उस जिले में आने वाले शिक्षकों की संख्या कम है तब भी अधिक शिक्षकों का गैर जिले में तबादला नहीं हो सकेगा। शासन के स्पष्ट निर्देश है कि जिलों में तबादलों से शिक्षकों की संख्या में बड़ा बदलाव न होने पाए। इस संबंध में परिषद एवं शिक्षा विभाग के आला अफसर शासन को आश्वस्त भी कर चुके हैं।
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उम्मीद है कि 30 जुलाई तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाए। परिषद मुख्यालय को अब भी कई जिलों से सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। साथ ही हर जिले से तबादला चाहने वाले एवं वहां दूसरे जिलों से आने वाले शिक्षकों की संख्या पर परिषद मुख्यालय निगाह लगाए है, ताकि तबादला प्रक्रिया से जिलों में शिक्षकों का आकड़ा गड़बड़ा न जाए। इसीलिए बड़ी संख्या में तबादले निरस्त हो जाने के भी आसार हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को तीन वर्ष इंतजार के बाद अंतर जिला तबादले का मौका मिला है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, उसमें प्रदेश भर से 23 हजार 700 आवेदन हुए हैं। इसके बाद जिलों में काउंसिलिंग कराई गई। उसकी रिपोर्ट 19 जुलाई तक परिषद मुख्यालय भेजी जानी थी, लेकिन अब सभी जिलों से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। शासन ने पहले 15 जुलाई तक बाद में 25 जुलाई तक तबादला सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन तय समयावधि में यह प्रक्रिया पूरी हो पाने के आसार नहीं है, क्योंकि बेसिक शिक्षा अधिकारी इसमें हीलाहवाली कर रहे हैं। सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद परिषद मुख्यालय पर सूची फाइनल करने में भी वक्त लगेगा। इसकी वजह यह है कि प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने दूसरे जिलों में जाने के लिए आवेदन किया है, वहीं कुछ ऐसे भी जिले हैं जहां के शिक्षकों ने उत्साह नहीं दिखाया है। ऐसे में परिषद मुख्यालय हर जिले में शिक्षकों की संख्या दुरुस्त रखने पर ही माथापच्ची कर रहा है। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में शिक्षकों के आवेदन अंतिम चरण में निरस्त हो जाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि तमाम शिक्षकों ने उन जिलों के लिए आवेदन किया है, जहां पहले से शिक्षक अधिक हैं खास बात यह है कि कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने पांच जिलों के विकल्प में एक ही जनपद का नाम पांच बार लिख दिया है। यदि वहां जगह नहीं होगी तो आवेदन निरस्त होने से सिवा दूसरा रास्ता नहीं है। इसके अलावा यदि किसी जिले से अधिक शिक्षकों ने गैर जिले में जाने के लिए आवेदन किया है और उस जिले में आने वाले शिक्षकों की संख्या कम है तब भी अधिक शिक्षकों का गैर जिले में तबादला नहीं हो सकेगा। शासन के स्पष्ट निर्देश है कि जिलों में तबादलों से शिक्षकों की संख्या में बड़ा बदलाव न होने पाए। इस संबंध में परिषद एवं शिक्षा विभाग के आला अफसर शासन को आश्वस्त भी कर चुके हैं।
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