प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक कॉलेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक की भर्तियों पर शासन ने रोक लगा दी है। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार के निर्देश के बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सारी गतिविधि ठप हो गई हैं।
प्रदेश की नई सरकार ने भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग इलाहाबाद के साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम रोकने का आदेश हुआ है। उसी क्रम में बुधवार को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में चल रही भर्ती प्रक्रिया रोकी गई है। चयन बोर्ड के कुछ सदस्यों की योग्यता को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इन सदस्यों को काम करने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोका भी था। इस बीच चयन बोर्ड में तेजी से नियुक्ति प्रक्रिया चली, लेकिन कुछ सदस्यों, अफसर व कर्मचारियों पर युवाओं को शिक्षक बनाने के एवज में सेटिंग-गेटिंग के खूब आरोप लगे। इसके अलावा चयन बोर्ड में भी प्रश्नों के गलत जवाब व कई-कई बार आंसर शीट जारी करने की नौबत आई। इससे तमाम प्रकरण न्यायालय की चौखट तक पहुंचे हैं। 1यह सभी मामले नई सरकार के संज्ञान में आने पर फिलहाल भर्तियों को रोकने का आदेश हुआ है। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार का दोपहर में फोन घनघनाया और उन्होंने अग्रिम आदेशों तक नियुक्ति प्रक्रिया रोकने का फरमान सुनाया। चयन बोर्ड की ओर से बताया गया कि शासन के आदेश पर सारी गतिविधि रोक दी गई है। अगला आदेश मिलने पर उसके अनुरूप कार्य किया जाएगा।प्राथमिक व उच्चतर भर्तियों पर असर नहीं 061एपीओ समेत 24 भर्तियों के इंटरव्यू रोके
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