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UPPSC: एपीओ समेत 24 भर्तियों पर लगाई रोक, उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने शासन के निर्देश पर लिया निर्णय, भर्तियों में भ्रष्टाचार की मिली है शिकायत

 इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में शासन के आदेश का अमल हो गया है। आयोग ने करीब 24 भर्तियों के साक्षात्कार रोक दिए हैं। इनमें दो भर्तियां चल रही थीं, बाकी के साक्षात्कार कुछ दिन बाद शुरू होने थे। यह सब अब अगले आदेश तक स्थगित हो गए हैं।
बुधवार को सहायक अभियोजन अधिकारी यानी एपीओ के 372 पदों व चिकित्साधिकारी के 3286 पदों के लिए इंटरव्यू देने आए अभ्यर्थियों को बैरंग लौटा दिया गया। 1सूबे की नई सरकार को भर्तियों में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिली हैं। कुछ प्रकरण पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच चुके हैं। इस पर अंकुश लगाने और पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां कराने के इरादे से चल रही भर्तियों के इंटरव्यू को रोकने व नये रिजल्ट न जारी करने का शासन ने बुधवार को आदेश दिया। इस पर आयोग में पहले असमंजस रहा और बाद में सभी ने तय किया कि फिलहाल वह इंटरव्यू स्थगित कर दें। 1ऐसे में एपीओ के लिए 17 फरवरी से 24 मार्च तक प्रस्तावित साक्षात्कार में कुल 372 पदों के लिए 1244 अभ्यर्थियों को सम्मिलित होना था। इनमें 183 अभ्यर्थियों का इंटरव्यू बचा था। इसी तरह एलोपैथिक चिकित्साधिकारी के 3286 पदों के लिए 19 दिसंबर से 24 मार्च तक प्रस्तावित साक्षात्कार में कुल 5352 अभ्यर्थियों को सम्मिलित होना था। इनमें से 325 से अधिक अभ्यर्थियों का साक्षात्कार बाकी था।1बुधवार को दोनों भर्तियों के साक्षात्कार के लिए आए प्रतियोगियों को बैरंग वापस कर दिया गया। साथ ही आयोग की वेबसाइट पर भी यह सूचना प्रभारी अधिकारी साक्षात्कार रमेश चंद्र शुक्ल की ओर से यह सूचना दी गई है कि अगले आदेश तक सभी साक्षात्कार रोके जा रहे हैं। आयोग के सचिव अटल कुमार राय ने बताया कि उन्हें कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, लेकिन भविष्य में कोई सवाल न उठे इसलिए शासन से मिले निर्देश पर साक्षात्कार रोक दिये गए हैं।1आयोग पर पहली बार ऐसी कार्रवाई : उप्र लोकसेवा आयोग के इतिहास में किसी राज्य सरकार ने पहली बार इस तरह से सख्त कदम उठाया है। अफसरों की मानें तक अब तक ऐसा निर्देश पहले कभी जारी नहीं हुआ है। 1ये तो आयोग की स्वायत्तता पर हमला : आयोग में साक्षात्कार व नये रिजल्ट न जारी करने के संबंध में अफसरों का दोहरा रवैया देखने को मिला। एक तरफ वह शासन के निर्देश को दरकिनार करके आगे बढ़ने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे थे और दूसरी ओर आयोग की स्वायत्तता का ढोल भी पूरी मजबूती से पीट रहे थे। अफसरों का कहना था कि यह संस्था स्वायत्त है इसलिए सरकार उसे कोई निर्देश आदेश नहीं दे सकती है, यह उसके क्षेत्र में दखलंदाजी मानी जाएगी। एक अफसर ने यहां तक कहा कि जब सरकार को यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह आयोग में दखल नहीं दे सकती तब शायद स्थिति बदले। हालांकि अफसरों ने यह स्वीकार भी किया कि सरकार चाह ले तो वह आयोग के कार्यो की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति कर सकती है। 1रेंजर्स भर्ती पर भी संकट के बादल : लोकसेवा आयोग आगामी तीन अप्रैल को एसीएफ यानी वन विभाग के लिए रेंजर्स की भर्तियों का विज्ञापन जारी करने की तैयारी में था। सरकार के सख्त रुख को देखते हुए यह विज्ञापन जारी करने से पहले भी अफसरों को सोचना पड़ेगा। हालांकि वह यह कहते रहे कि आयोग की रूटीन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं हुआ है। साक्षात्कार व रिजल्ट देने के अलावा बाकी सब कार्य पूर्ववत होते रहेंगे। 1पीसीएस प्री 2017 पर भी उहापोह : आयोग की ओर से पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा आगामी 22 मई को होना प्रस्तावित है। इसके लिए आयोग ने दूसरी बार कैलेंडर भी जारी किया। परीक्षा में ज्यादा समय नहीं है ऐसे में उहापोह बरकरार है। आयोग के अफसरों ने स्पष्ट किया कि पीसीएस परीक्षा पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। संभव है कि जो असमंजस दिख रहा है वह एक सप्ताह में ही छंट जाए। वहीं, दूसरी ओर युवाओं का कहना है कि आयोग पर घिरे बादल अभी और गहराएंगे।

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