शिक्षामित्रों के विषय में कोर्ट के नकारात्मक विचार

*शिक्षा मित्रों के विषय में कोर्ट के नकारात्मक विचार*
1.विज्ञापन में कमियां
कोई वकील जजो से यह पूंछे की वह अपनी ही बात कहकर क्यों पलट जाते हैं इसी से जुड़े केस में 72825 के विषय मे इन्ही दोनो जजो ने यह कहा कि *परीक्षा में धांधली हुई तो 4 साल तक कहाँ रहे* और यह कहकर धांधली की बात को नही माना।
  अब जब शिक्षा मित्रों की बारी आई तो कह रहे है कि विज्ञापन में कमियां हैं ।
अभी तक कह रहे थे विज्ञापन ही नही निकला शिक्षामित्रों का पहला विज्ञापन लगभग 16 साल पहले निकला तब कमी ढूंढकर कोई कोर्ट क्यों नही पंहुचा।😬😬तभी कमियां दूर हो जातीं।
   फिर दूसरा और तीसरा विज्ञापन जारी हुआ तब भी कोई कोर्ट नही पंहुचा जब 16- 17 साल हो गए तो विज्ञापन में कमियां ढूंढ़ रहे हैं😬😬 ।

2-आरक्षण नही मिला---- आरक्षण क्यों नही मिला पुरूष महिला 50- 50
साथ ही राज्य के नियमो के अनुसार अन्य sc/st/obc आरक्षण भी मिला
बस तरीका अलग था और अगर किसी को कोई दिक्कत थी उस तरीके से तो प्रथम विज्ञापन जब निकला था 16 साल पहले तब कोर्ट जाता अब क्यों??
फिर भी सुप्रीम कोर्ट चाहे तो पदों की गणना करवाकर जहाँ कमी हो बैकलॉग भर्ती करवा लें क्या बैकलॉग भर्तियां होती नही है???

3-संविदा कर्मी व उमादेवी केस--
अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविदा 1 या 2 साल के लिए हो सकती है इससे ज्यादा यदि कार्य कराया गया गया है तो यह गलत है और ऐसे कर्मचारी को नियमित किया जाए।
*अब शिक्षा मित्रों के विषय मे क्या हो गए इनको तो 16 साल हो कितने*
आखिर कितने दिन तक संविदा कर्मी मानेगा कोर्ट जबकि राज्य सरकार para टीचर मान रही है।

उमादेवी केस- उमादेवी एक व्यक्ति विशेष का केस है जबकि यहां 172000 की जिंदगी और मौत का सवाल है।
उमादेवी ने 16 साल नौकरी नही की होगी!!
*उमादेवी के केस में अगर संवैधानिक पीठ बन सकती है तो हमारे केस में भी संवैधानिक पीठ द्वारा ही निर्णय होना चाहिए*

3- खुली भर्ती नही

क्या 72825 खुली भर्ती है क्या इसमें btc वालो को मौका मिला था??

क्या उर्दू btc खुली भर्ती है इसमें बी एड व अन्य btc को मौका मिला??

*जज महोदय खुद ही कोई ऐसी भर्ती बता सकें तो बताये जिसमे एक साथ बी एड व btc को मौका मिला हो*

किन्ही भर्तियों में बी पी एड को योग्य मानकर तरजीह दी गयी तो किन्ही भर्तियों में बी पी एड , डी पी एड को किनारे रखा गया क्या यह लोग योग्य नही क्या ऐसी सभी भर्तियां निरस्त की जाएंगी जिनमे इनको मौका ना मिला हो😬😬

कोर्ट में न्याय होना चाहिये अन्याय नही जो प्रश्न शिक्षमित्रों से पूंछे जा रहे है वही प्रश्न सभी पूर्व में नियुक्त हुए टीचर्स से पूंछे जाने चाहिए यदि उनकी भी भर्ती में *तथाकथित योग्य अभयर्थियो को मौका न मिला हो तो वे भर्तियां भी रद्द होनी चाहिए।*
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