आखिर सरकार के तरफ 25 के आदेश की व्याख्या करने में इतनी देरी क्यों

सभी गुरूजनों को शुभ संध्या, आज आर्डर आये करीब 6 दिन हो चुके है।सरकार का इस आदेश के बारे में चुप्पी किस तरफ इशारा कर रही है,समझ में न आ रहा।समायोजित शिक्षकों का धरना प्रदर्शन अब उग्र रूप लेने लगा है।

समायोजित शिक्षकों के तरफ से अब तो खुलेआम मीडिया में जान से मारने की धमकियाँ दी जाने लगी है।आखिर सरकार के तरफ इस आदेश की व्याख्या करने में इतनी देरी क्यों लगा रहीहै,क्या सरकारी अफसर बेलगाम हो चुके है जोकि आदरणीय मुख्यमंत्री जी के आदेश के बाद अभी तक आदेश का अध्ययन ही कर रहे हैं?
सबसे पहले हम 72825 से नियुक्त शिक्षकों से निवेदन करते हैं कि आपकी शारीरिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।यदि समायोजित मित्र स्कूल बंद करवाने आते हैं तो आप कतई इसका विरोध न करके सम्बंधित nprcc और beo को मैसेज के द्वारा सुचना देकर स्कूल स्कूल बंद कर दें।25 के आर्डर में समायोजन से सम्बंधित किसी भी प्रकार की टीका टिप्पणी समायोजित शिक्षा मित्र के साथ न करें।सरकार को जो निर्णय लेना है वो लेगी,हम इस बारे में टिप्पणी न करके विवाद से बचे।
समायोजित शिक्षकों का मामला इन्ही सरकारों के द्वारा वोट के लिए किये जाने वाले स्टंट का ही नतीजा है।सरकारी नुमाइंदों से निवेदन है कि अब इन बेचारे शिक्षकों के साथ कोई भी ऐसा निर्णय न हो जिससे इनका भविष्य अन्धकारमय होने नौबत आ आये।
मा0 मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि कोर्ट के सुझाये रास्ते से 72825(2012 में विज्ञापित विज्ञापन)+ एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय तत्काल लें।क्योंकि सरकारी स्कूल अब पुनः पुरानी व्यवस्था पर लौट चुके हैं।पढ़ाई लिखाई का माहौल बिना शिक्षको के किस प्रकार होगा आप खुद समझ सकते हैं।
एक शिक्षक प्रतिनिधि के तौर पर हम आप से निवेदन करते हैं कि समायोजित शिक्षा मित्रों के साथ साथ बी0एड0 टेट पास अभ्यर्थियों और बी0टी0सी0 अभ्यर्थियों के भविष्य को दृष्टगत सकारात्मक निर्णय लेकर कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को सही साबित करें कि सरकार सबके साथ है,तभी आपके सरकार का नारा सबका साथ,सबका विकास की अवधारणा की पुष्टि होगी।
धन्यवाद।
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