अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। लगातार आंदोलन और मुख्यमंत्री के
आश्वासन के बावजूद कोई निर्णय न होने से नाराज शिक्षामित्र 21 अगस्त को
लखनऊ में प्रदर्शन के लिए जुट रहे हैं। इसके लिए इलाहाबाद से दो हजार से
अधिक शिक्षामित्र रविवार को देर शाम को लखनऊ रवाना हुए।
महिला शिक्षामित्र बसों से जबकि ज्यादातर पुरुष शिक्षामित्र शाम को नौचंदी एक्सप्रेस, रात में प्रयाग-बरेली पैसेंजर तथा हरिद्वार एक्सप्रेस से लखनऊ रवाना हुए। यह शिक्षामित्र सोमवार को लखनऊ स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठेंगे।
इसके पहले आदर्श समायोजित शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में लखनऊ में धरने की तैयारी पर रणनीति बनी। इसमें जिला एवं ब्लाक स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में कहा गया कि एक अगस्त को लखनऊ में मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को 15 दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया था लेकिन इस अवधि में कोई कदम नहीं उठाया गया। तीन दिन प्रदेशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन के बाद अब लखनऊ में आरपार की लड़ाई होगी। बैठक में मंडलीय मंत्री शारदा शुक्ला ने कहा कि यह आंदोलन 1.37 लाख शिक्षामित्रों के मान-सम्मान और रोजी-रोटी से जुड़ा है। ऐसे में सभी साथी इसमें शामिल हों।
बैठक में जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी, मोहम्मद अख्तर, अरुण सिंह, विनय पांडेय, शमीम, सुभाष चंद्र यादव, संतोष यादव, प्रदीप पाल, अभिनव आदि शामिल थे। उधर, बैठक के बाद शिक्षामित्रों के लखनऊ रवाना होने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्र 28 बसों से लखनऊ रवाना हुईं, जबकि पुरुष शिक्षामित्र विभिन्न ट्रेनों और अपनी गाड़ियों से रवाना हुए।
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महिला शिक्षामित्र बसों से जबकि ज्यादातर पुरुष शिक्षामित्र शाम को नौचंदी एक्सप्रेस, रात में प्रयाग-बरेली पैसेंजर तथा हरिद्वार एक्सप्रेस से लखनऊ रवाना हुए। यह शिक्षामित्र सोमवार को लखनऊ स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठेंगे।
इसके पहले आदर्श समायोजित शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में लखनऊ में धरने की तैयारी पर रणनीति बनी। इसमें जिला एवं ब्लाक स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में कहा गया कि एक अगस्त को लखनऊ में मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को 15 दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया था लेकिन इस अवधि में कोई कदम नहीं उठाया गया। तीन दिन प्रदेशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन के बाद अब लखनऊ में आरपार की लड़ाई होगी। बैठक में मंडलीय मंत्री शारदा शुक्ला ने कहा कि यह आंदोलन 1.37 लाख शिक्षामित्रों के मान-सम्मान और रोजी-रोटी से जुड़ा है। ऐसे में सभी साथी इसमें शामिल हों।
बैठक में जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी, मोहम्मद अख्तर, अरुण सिंह, विनय पांडेय, शमीम, सुभाष चंद्र यादव, संतोष यादव, प्रदीप पाल, अभिनव आदि शामिल थे। उधर, बैठक के बाद शिक्षामित्रों के लखनऊ रवाना होने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्र 28 बसों से लखनऊ रवाना हुईं, जबकि पुरुष शिक्षामित्र विभिन्न ट्रेनों और अपनी गाड़ियों से रवाना हुए।
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