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अफसरों की लापरवाही के चलते सत्यापन के फेर में फंसा बच्चों का ज्ञान, पाठ्य पुस्तकों का अफसरों ने नहीं कराया सत्यापन

 पीलीभीत : बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय स्कूलों में आधी अधूरी सुविधाओं के बीच बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे बच्चों का ज्ञान आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अगस्त माह गुजर रहा है, लेकिन अभी तक परिषदीय स्कूलों में शत प्रतिशत किताबों का वितरण नहीं हो सका है।
प्रकाशकों से कक्षा आठ की पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हो चुकी है, लेकिन सत्यापन के इंतजार में पाठ्य पुस्तकें गोदाम में बंद पड़ी हैं।
जनपद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को आधी-अधूरी पाठ्य पुस्तकें वितरित की गई, जिससे पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। पुरानी किताबों से पढ़ाई करने को विवश हो रहे हैं। जनपद में जूनियर वर्ग की किताबें आधी-अधूरी आ पाई हैं। कक्षा छह से लेकर सात तक कुछ ही विषयों की किताबें आई हैं, जिन्हें थोड़ी थोड़ी सभी स्कूलों को भेज दी गई। कक्षा आठ में पूरी किताबें आ चुकी हैं, जो सत्यापन न होने की वजह से बिलगवां स्कूल के गोदाम की शोभा बढ़ा रही हैं। स्कूल में बच्चों को किताबें न मिलने की वजह से ज्ञान आगे नहीं बढ़ रहा है। गोदाम में कई दिनों से कक्षा आठ की किताबें आई हुई हैं, जिनका सत्यापन कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। अगर कक्षा आठ की किताबों का सत्यापन कराकर वितरण करा दिया जाए, तो बच्चों के ज्ञान का विस्तार होगा। कक्षा छह से सात तक की किताबें मंगवाने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए। कक्षा आठ में 195597 किताबों की डिमांड थी, जो पूरी आ गई है। आओ समङो विज्ञान, वर्तिका, रैनबो, महान व्यक्तित्व, कृषि विज्ञान, गृह शिल्प की किताबें सत्यापन का इंतजार कर रही हैं। प्रभारी सौरभ सक्सेना का कहना है कि जो किताबें नहीं आई हैं उनका सत्यापन कराया जाएगा।’>>पाठ्य पुस्तकों का अफसरों ने नहीं कराया सत्यापन1’>>कई विषयों की किताबें ही नहीं आ पाई

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