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माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय गैरजरूरी, चलती रहें भर्तियां

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के विलय से शिक्षक भर्तियों में असर पड़ना तय है। इस निर्णय को लेकर प्रतियोगी खासे नाराज हैं, उनका कहना है कि वैसे तो विलय की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि सरकार इसे कराने पर आमादा है तो ऐसे प्रबंध किए जाएं कि भर्तियां पहले से घोषित कार्यक्रम के अनुरूप चलती रहें।
2011 की परीक्षा का परिणाम जारी हो और 2016 की लिखित परीक्षा अक्टूबर में कराई जाए। 1प्रतियोगी छात्र मोर्चा ने शुक्रवार को एसीएम द्वितीय के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा। मोर्चा ने चयन बोर्ड के विलय को गैर जरूरी बताया है। आरोप लगाया कि चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के कामकाज ठप होने के लिए सरकार जिम्मेदार है। 1मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह भी लाया गया है कि आखिर जब सत्र 2011 के परीक्षा परिणाम पूरी तरह तैयार हैं तो इसमें विलंब क्यों हो रहा। अभी तक साक्षात्कार के बाद 2013 का इतिहास का रिजल्ट नहीं आया है। 1साथ ही सरकार 2016 की लिखित परीक्षा हर हाल में अक्टूबर में कराने की गारंटी ले और 2011 का रिजल्ट घोषित किया जाए। वहीं सभी खाली पदों पर तत्काल भर्ती शुरू की जाए।
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान प्रदेश बीएड उत्थान जनमोर्चा व युवा अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रनेता राजेश सचान ने आरोप लगाया कि सरकार, बोर्ड और चयन आयोगों के बीच पैदा हुए मौजूद टकराव से बेरोजगारों का भविष्य संकट में है। सरकार का दायित्व है कि इन संस्थाओं को अपने अधीन सरकारी विभागों की तरह संचालित करने का प्रयास बंद करे। मांगों की अनदेखी होने पर 15 अगस्त के बाद आंदोलन होगा।

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